Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

Gupt darvaaje ke peeche
Gupt darvaaje ke peeche
Gupt darvaaje ke peeche
Ebook239 pages2 hours

Gupt darvaaje ke peeche

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

यह किताब अंग्रेजी में भी उपलब्ध है| 

"गुप्त दरवाजे के पीछे" एक विज्ञान कथा उपन्यास है और इस उपन्यास में सभी चरित्र काल्पनिक है । उपन्यास जैक के साहसिक और दरवाजे के पीछे की त्रासदी पर आधारित है। यह कहानी एक ऐसे बेटे के बारे में है जो अपनी मां के साथ रहता है और अपने पिता की तलाश कर रहा है, खोज एक कमरे से शुरू होती है और एक विश्वविद्यालय में जारी है । यूनिवर्सिटी में उसके साथ कई घटनाएं होती हैं, अंत तक बताना मुश्किल होता है, लेकिन इस किताब में आपका सफर बेहद रोमांचक होगा।

यह इस उपन्यास का पहला हिस्सा है, कुछ दिनों के बाद हम इसे दूसरा भाग प्रकाशित करेंगे, दूसरा भाग "द टाइम ट्रैवल" है और तीसरा भाग "द एंड" है। कुछ समय बाद आप इसके दूसरे और तीसरे भाग को भी पढ़ सकेंगे।  विश्वविद्यालय में कुछ ऐसा जिसके बारे में उसे बिल्कुल जानकारी नहीं है, अब ऐसा क्या है कि आपको सिर्फ कहानी पढ़कर ही पता चलेगा। इस कहानी के बीच में एक मजबूत लड़ाई होगी, जो इसे और दिलचस्प बना देती है । सफर के अंत तक कई पहेलियां जरूर सुलझ गई होंगे, इसलिए अब कहानी के सफर का मजा लें। उम्मीद है, आप हमारे विचारों तक पहुँच सकते हैं और आप इस कहानी को पसंद करेंगे|

 

Languageहिन्दी
Release dateFeb 4, 2021
ISBN9781393301790
Gupt darvaaje ke peeche

Related to Gupt darvaaje ke peeche

Related ebooks

Reviews for Gupt darvaaje ke peeche

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    Gupt darvaaje ke peeche - ASHUTOSH VASHISTH

    PART -1

    रिडेम्पशन

    आशुतोष वशिष्ठ

    अभिषेक सहरावत

    Copyright © 2021 ASHUTOSH

    All rights reserved

    The characters and events portrayed in this book are Fictitious. Any similarity to real persons, living or dead, is coincidental and not intended by the author.

    No part of this book may be reproduced, or stored in a retrieval system, or transmitted in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording, or otherwise, without express written permission of the author.

    First Printing Edition, 2021

    Edited By:

    Penserstudypoint.com

    Cover design by: ASHUTOSH & ABHISHEK

    Printed in INDIA

    TO MY PARENTS

    NAVNEET KUMAR AND ANURADHA

    - ASHUTOSH VASHISTH

    TO MY PARENTS

    SUBODH SAHARAWAT AND NEERAJ SAHARAWAT

    - ABHISHEK SAHARAWAT

    ये किताब हिंदी में और अंग्रेजी में  दोनों ही भाषाओ में उपलब्ध है | आप इस किताब को  amazon और notion press से पेपर प्रिंट में भी खरीद सकते  है

    INDEX

    LINES FROM THE HEART OF THE AUTHOR

    JACK & THE SECRET DOOR

    CHAPTER - 1

    WELCOME TO THE POLLUX CITY

    CHAPTER - 2

    REPLACEMENT

    CHAPTER - 3

    ARRIVAL OF THE HEADMASTER

    CHAPTER - 4

    MOON BRIDGE

    CHAPTER - 5

    GIRL IN A BLONDE HAIR

    CHAPTER - 6

    PHOTOGRAPH IN A DIARY

    CHAPTER - 7

    THE LOCKET

    CHAPTER – 8

    TRAGEDY WITH LILY

    CHAPTER - 9

    PERSON BEHIND THE SECRET DOOR

    CHAPTER - 10

    DOOR HAS BEEN OPENED

    CHAPTER - 11

    REDEMPTION COMPETITION BEGINS

    CHAPTER - 12

    HOLMBERG LOOSES

    CHAPTER - 13

    STAGE- II

    GUEST IN HOLMBERG

    CHAPTER - 14

    OPENING OF THE SECRET DOOR

    CHAPTER - 15

    END OF THE COMPETITION

    CHAPTER - 15

    BOOM IN THE SECRET DOOR

    LINES FROM THE HEART OF THE AUTHOR

    इस उपन्यास को चुनने के लिए धन्यवाद । यह हमारा पहला कथा उपन्यास है और हम आप सभी से प्यार और प्रशंसा की उम्मीद करेंगे। हम सभी की जरूरत है बस प्यार, यह भी की हम दिल से आपके विचारों, प्रतिक्रिया, सुझाव, और अपने अनुभव का स्वागत करते है और कैसे आपकी यात्रा थी और यह भी क्या आप वास्तव में इस उपंयास के बारे में लग रहा है ।

    यह उपन्यास रहस्य और रोमांच पर आधारित है। इस कहानी की अवधारणा लिखने में 14 महीने लगे हैं और इस उपन्यास को लिखते समय हमने अपने दिमाग में एक बात रखी कि अब एक दिन लोगों के पास एक कहानी पढ़ने के लिए पूरा दिन नहीं होता है और कई बार एक ही उपन्यास को पूरा करने में 2-4 दिन लग जाते हैं और यह कहानी के प्रवाह और क्षणों को तोड़ता है, इसलिए हमने फैसला किया कि हम पाठकों को मिनी-उपन्यास पेश करते हैं यह समय के थोड़े अंतराल में कहानी को पूरा करने में मदद करता है । आशा है कि हमारे विचारों और प्रयासों को अपने मूल्यवान प्यार हासिल है और हमारी आगामी परियोजनाओं के लिए हम पर कुछ विश्वास कमाते हैं ।

    गुप्त दरवाजे की यात्रा में आपका स्वागत है

    ASHUTOSH    ABHISHEK

    Ashutoshanw47@gmail.com  abhishek8171037@gmail.com

    गुप्त दरवाजे के पीछे

    PART - 1

    WELCOME TO THE POLLUX CITY

    क सफेद लंबा व्यक्ति पालने के पास बैठा हुआ है, उसके आंखों में नमी है, और वो पालने में किसी  बच्चे को ऐसे देख रहा है, जैसे की वो पल उसका आखरी पल हो और वो फिर उसको कभी नही देख पायेगा। अब वह उस बच्चे की उंगलियों को चूमता है और  फिर उसको प्यार से सहलाता है । उस बच्चे को शायद इससे खुशी मिलती है और उस बच्चे ने अपने चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान बिखेर ली। बच्चे की मुस्कान देखकर उस व्यक्ति की आंखे छलक उठी पर वह रोता नही है, उसने अपने आप को संभाला और उस पालने की तरफ देखा और कहा।

    मैं तुमसे प्यार करता हूँ जैक

    मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जैक

    अपना और माँ का ख्याल रखना

    तुम बहुत बहादुर हो

    हम फिर मिलेंगे ,,,,,अलविदा ।।।।।

    इसके बाद वो व्यक्ति उठा और उठकर दरवाजे की तरफ गया तभी अचानक चिल्लाने की आवज आती है और किसी ने एक नाम पुकारा जैक

    बेटा जैक उठ जाओ, कितनी देर तक सोते रहोगे, सुबह हो चुकी है, और तुम्हे कॉलेज भी जाना है। जैक की नींद खुली और वह  हड़बड़ाकर उठ गया, वो पूरा पसीने से भीगा हुआ है, उसने इधर उधर देखा और अपने हाथो से अपने शरीर को छूता है। वह काफी घबराया हुआ है। कुछ देर तक उसे ये समझ ही नही आया कि उसके साथ ये हुआ क्या था। लेकिन कुछ समय बाद उसे एहसास हुआ कि वो बिल्कुल ठीक है और उसने हमेशा की तरह एक अजीब सा सपना देखा है। उसने थोड़ा राहत की सांस ली। अब वह अपने बिस्तर से उठा और खिड़की के पास जाकर पर्दो को हटाया और खड़े होकर बाहर का नजारा देखने लगा। ये सब उसके साथ पहली बार नही हुआ है ऐसा पहले भी हो चुका है। वैसे जैक एक साधारण सा नवयुवक है, जो 20 साल का हो चुका है और अभी ग्रेजुएशन कर रहा है। जैक का मन चंचल स्वभाव का है, जो हर सुबह कुछ नया करने के बारे में सोचता है, जिसके कुछ सपने है और उन सपनों को पूरा करने का दृढ संकल्प। उसके पास वो सब है जिससे वो अपने सपने साकार कर सकता है। पर वह आत्म निर्भर भी है और उस के अंदर आत्म सम्मान भी है। वह अपने लिए सम्मान खुद से कमाना चाहता है पर इतना सब कुछ होने के बाद भी आज जैक का मन अशांत है।

    अशांत मन के साथ जैक खिड़की के पास खड़ा है अब जैक अपनी आंखें बंद करता है और अपने सपने के बारे में सोचता है और उसे न जाने क्यों ऐसा लगता है कि जैसे ये सब उसके साथ हो चुका है, यह सब सोचते हुए वो अपनी आंखें खोलता है, उसके चेहरे पर एक खामोशी है जो शायद कुछ तलाश रही है।

    इस खामोशी की चुप्पी को तोड़ते हुए  टेबल पर रखा हुआ उसका फोन बजा। जैक फ़ोन की आवाज सुनकर फोन के पास आया, फोन उठाने के लिए उसने अपना हाथ बढ़ाया लेकिन उसकी नजर फोन के पास रखी हुई घड़ी पर पडी, जो शायद आज उसकी दुश्मन बनने वाली है।

    उसमे सुबह 8 बजे है ।

    हे भगवान 8 बज गए जैक ने चौंकते हुए कहा।शायद उसे देर हो रही थीं।

    उसने घड़ी को वही मेज पर रखा और तुरंत नहाने के लिए चल गया।

    अब सुबह के 9 बज चुके है।  घर मे जैक के अलावा उसकी माँ मरियम भी रहती है। जो अभी फिलहाल रसोईघर में है और जैक के लिए नाश्ता बना रही है।

    मरियम वैसे तो एक घरेलू महिला है लेकिन उसका ज्यादातर समय बेकरी में बीतता है। मरियम को खाने बनाने का बहुत शौक है इसीलिए उसने घर के पिछली तरफ एक बेकरी खोली हुई है जो कि शहर की सबसे प्रसिद्ध बेकरी है। मरियम ने ये बेकरी सिर्फ शौंक के लिए खोली हुई लेकिन उसे बेकरी से भी अच्छा मुनाफा होता है। वैसे मरियम अपने पिता की अकेली बेटी है तो उसके पिता की जायदाद भी मरियम के पास ही है। पर वो बेकरी से और अपने बेटे जैक से ज्यादा खुश है, अब यही उसके लिए सब कुछ है। फिलहाल मरियम नाश्ते को लेकेर  रसोई से बाहर आती है और उसको मेज पर रखती है और फिर जैक को आवाज देती है - जैक, बेटा नीचे आजाओ नाश्ता लग गया है मेज पर। घर मे नाश्ते की एक मीठी सी खुशबू फैल चुकी है और वो दिखने में बहुत लजीज लगता है। मरियम ने अपना एप्रन उतारकर वही पास में ही रख दिया और खाने की मेज पर नाश्ते के लिए बैठ गयी।

    अब जैक भी तैयार होकर नीचे आ चुका है। उसके कंधे पर एक बैग है, शायद वो उस बैग को लेकर कॉलेज जा रहा है। मरियम ने जैक को देखकर गुड मॉर्निंग कहा, पर जैक शायद आज थोड़ा परेशान है इसीलिए उसने मरियम को कोई उत्तर नही दिया। जैक ने फिर अपना बैग उतारा और मेज के पास रख दिया, और फिर खाने के लिए अपनी माँ के पास जाकर कुर्सी पर बैठ गया। मरियम ने देखा कि आज जैक ने उसे कुछ जवाब नही दिया। ये देखकर मरियम ने जैक से पूछा बेटा, कोई दिक्कत

    जैक की नींद सी टूटती है और वो बोलता है नही माँ ऐसी कोई बात नही आप नाश्ता दीजिये ना, बहुत भूख लगी है। मरियम ने इसे एक पल के लिये जाने दिया और फिर नाश्ता परोसा, पर शायद जैक अभी मरियम के बोलने का इन्तजान कर रहा है, मरियम ने भी यही सोचकर जैक को नाश्ता शुरू करने के लिए कहा, पर वो तो हाथ मे चम्मच लिए किसी गहरी सोच में डूबा हुआ है

    जैक, बेटा नाश्ता ठंडा हो रहा है, मरियम ने जैक को फिर से नास्ते करने के लिए कहा।

    जी माँ, जैक ने धीमी आवाज में उत्तर दिया।

    क्या तुम्हे कोई परेशानी है मरियम ने जैक से पूछा।

    नही ऐसी कोई बात नही है, वो बस आज मैं काम को लेकर थोड़ा परेशान हूँ जैक ने कहा।

    मरियम जैक को अब बड़े ध्यान से देखती है और कहती है कि बेटा तुम्हे काम की चिंता नही है, बात तो कुछ और ही है।

    जैक ने फिर कोई उत्तर नही दिया

    क्या तुमने फिर से वही सपना देखा - मरियम ने पूछा। जी हाँ माँ, मैंने फिर से वही सपना देखा - जैक ने बडी गंभीरता से उत्तर दिया।

    अब मरियम जैक को समझाती है और बोलती है कि, बेटा वो सिर्फ एक सपना था और तुम उस के बारे में ज्यादा सोचते रहते हो इसीलिए शायद वो सपना तुम्हे बार बार दिखता है, अपना मन शांत करो और सिर्फ आज पर ध्यान दो, ठीक है।

    ये सुनकर जैक ने मरियम से कहा कि माँ, आपको पापा के बारे में आखरी चीज क्या याद है, क्योंकि ना जाने क्यों मुझे ऐसा लगता है कि ये सपना शायद पापा से जुड़ा हुआ है। ये सुनकर मरियम कहती है कि - बेटा, अभी इस विषय पर बात करने का समय नही है, बस तुम इतना जान लो की तुम्हारे पिता एक अच्छे और इज्जतदार व्यक्ति थे, बाकी की बाते हम फिर कभी करेंगे।ये सुनकर जैक बोलता है कि-  "माँ, मैं जब कभी आपसे पापा के बारे में पूछता हूँ तो आप मुझे उनके बारे में क्यों नही बताती। बस अब बहुत हुआ, अब इस बारे में शाम

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1