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Lakhpati Kaise Bane: लखपति कैसे बनें
Lakhpati Kaise Bane: लखपति कैसे बनें
Lakhpati Kaise Bane: लखपति कैसे बनें
Ebook199 pages1 hour

Lakhpati Kaise Bane: लखपति कैसे बनें

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About this ebook

How to become a millionaire? I am very happy to present this book to the millions of people of India and for those who are not millionaires today but want to become, this book will be really beneficial for them. I believe that if a person contemplates, give thought and executes what is written in this book, then that person will definitely become a millionaire. I remember I wrote a book a year ago, which was named - How to become a billionaire from a millionaire. The book sold off well. Lots of letters came from India and I felt happy that the book inspired people to become billionaires from 'Billionaires'. But at the same time i received such letters, telephone and e-mails, where people expressed regret, that this book was of no use to them, Because they didn't even have lakhs of rupees, So how to think of becoming a 'millionaire'? Therefore, such persons wished to be told something that how could they become a millionaire? Inspired by this, I wrote this book. I am confident that our readers will surely become millionaire by reading this book and implementing all the things written in it.
Languageहिन्दी
PublisherDiamond Books
Release dateJul 30, 2020
ISBN9789352611478
Lakhpati Kaise Bane: लखपति कैसे बनें

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    Lakhpati Kaise Bane - Subhash Lakhotia

    बनो

    1

    यदि चाहत है तो निश्चित

    ही लखपति बनोगे

    काशीराम बिहार में अपनी छोटे से गांव को छोड़ के करीब 8 वर्ष पहले दिल्ली आ तो गया, किंतु उसकी परेशानियों का ठिकाना नहीं रहा। सबसे पहले ऑफिस में चपरासी के रूप में नियुक्ति और वो भी मात्र पच्चीस सौ रुपये प्रति माह की तनख्वाह। न रहने को मकान और ना ही कोई अन्य सुविधा। आज काशीराम की तनख्वाह पांच हजार दो सौ रुपये प्रति माह है। तब भी बेचारे के आठ सौ से अधिक रुपये प्रति माह खर्च हो जाते हैं, अपने घर से दफ्तर पहुंचने के लिए। काशीराम जैसे लाखों-करोड़ों व्यक्ति भारत के विभिन्न चौराहों पर, शहरों में, गलियों में दिख जायेंगे, जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं, और बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी ही उनको नसीब हो पाती है। भारत के ऐसे लाखों-करोड़ों व्यक्ति जो छोटी-मोटी नौकरी कर रहे हैं, उनकी मुराद पैसे वाले बनने की होती है। परंतु सवाल यह उठता है क्या ऐसे व्यक्ति भी पैसे वाले बन पायेंगे? क्या ऐसे व्यक्ति लखपति हो पायेंगे? लाखों रुपये की बात तो छोड़ो, लाखों पैसे भी जिन्होंने नहीं देखे, क्या ऐसे व्यक्ति कभी लखपति बन पायेंगे। यह सवाल आपके मन में भी समय-समय पर उठता होगा। किंतु सवाल उठा और वहीं दूसरे ही पल अगले पहर के खाने की चिंता ने उस सवाल को आपके दिमाग से उड़ा दिया। किंतु दोस्तों, इस बात से निश्चिंत रहो क्योंकि भारत के लाखों-करोड़ों व्यक्ति जो आज बहुत छोटी नौकरी कर रहे हैं या जिनके पास नौकरी भी नहीं है, कमाने के साधन नहीं हैं, ऐसे व्यक्ति भी लखपति बन जायं, उनका सपना साकार हो जाए।। मैं सपना देखता हूँ कि मैं कुछ ऐसे व्यक्तियों की मदद करूं और ऐसे व्यक्ति अपनी लगन से और प्रभु का आशीर्वाद कड़ी मेहनत करें तो ऐसे सभी व्यक्ति लखपति निश्चित रूप से बन पायेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि इस किताब में दी गई सभी बातों को अगर आप शांति से पढ़ेंगे, मनन करेंगे और उन्हें क्रियान्वित करेंगे तो निश्चित रूप से आप लखपति हो जायेंगे। मैं तो इस पुस्तक के लिखने की मेहनत को सफल तब मानूंगा जब भारत में लाखों-करोड़ों व्यक्ति इस पुस्तक के पढ़ने से और लिखित बातों को हकीकत में क्रियान्वित करने के पश्चात, लखपति बन जायें और फिर सड़क पर मैं जिधर भी चलूं, मुझे कोने-कोने में मुझे ऐसे लोग दिखे जो इस पुस्तक के पढ़ने के बाद लखपति बन गये।

    आप में भी अगर इच्छा है, सच्ची लगन है, लखपति बनने की चाह है, तो इस बात को निश्चित मानिये कि दुनिया की कोई भी ताकत आपको लखपति बनने से रोक नहीं सकती। इसके लिए जरूरत है तो केवल अपने कार्य के प्रति सच्ची गहरी लगन की। और फिर वो समय ज्यादा दूर नहीं होगा जब अपने आप को लखपतियों की कतार में पायेंगे। आप कोई भी काम कर रहे हैं, लेकिन नया काम करने की इच्छा रखते हैं, नया करने की सोच है आप में, पर विकल्प नहीं है, तो भी विचलित होने की जरूरत नहीं है, अपने इस लक्ष्य से डगमगाने की जरूरत नहीं है और वो लक्ष्य है आपका, अपने आप लखपति होना। मुझे याद आ रही हैं स्वामी विवेकानन्द की वे पंक्तियां जो नित्य प्रतिदिन मुझे प्रेरित करती हैं और निश्चित ही आप सभी को भी प्रेरित करेंगी ये प्रेरणादायक पंक्तियां :- 'मुक्त रहो (किसी दूसरे के पास से कुछ न चाहो। मैं यह निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि यदि तुम अपने जीवन की अतीत की घटनाएँ याद करो तो देखोगे कि तुम सदैव व्यर्थ ही दूसरों से सहायता पाने की चेष्टा करते रहे, किन्तु कभी पा नहीं सके (जो कुछ सहायता पाई है, वह अपने अन्दर से ही थी। कभी ‘नहीं’ मत कहना। ‘मैं नहीं कर सकता’ यह कभी न कहना। ऐसा कभी नहीं हो सकता, क्योंकि तुम अनन्तस्वरूप हो। तुम्हारे स्वरूप की तुलना में देश-काल कभी कुछ नहीं है। तुम्हारी जो इच्छा होगी तुम वही कर सकते हो, तुम सर्वशक्तिमान हो।'

    मुझे पूर्ण भरोसा है कि अगर आप सच्ची लगन के साथ स्वामी विवेकानन्द की बात का मनन करेंगे और इस पुस्तक में लिखी उन सभी बातों का गहन अध्ययन, मनन और क्रियान्वित करने का मन बना लेंगे तो वो समय दूर नहीं जब हम पायेंगे कि आप लखपति बन गये। और हाँ अगर आप लखपति बनते हैं तो केवल आप अकेले ही बल्कि आप कामयाब नहीं होंगे प्रेरणा बनोगे आपके अन्य साथियों को लखपति बनने की।

    * * *

    2

    मकसद पर लगे रहो डट कर

    अपनी जिंदगी का लक्ष्य आज ही इसी वक्त स्वयं तय करो। इस किताब का अध्ययन करते समय आप जिंदगी का केवल एक ही लक्ष्य सामने रखो और वो लक्ष्य ये होना चाहिए कि मैं भी लखपति बन जाऊँ। अर्जुन की बात याद करो उनका लक्ष्य केवल पेड़ के पक्षी की आँख के तरफ था। वैसे ही आपका लक्ष्य आज और जब तक आप लखपति नहीं बन जाते तब तक केवल एक तरफ ही होना चाहिए और वो लक्ष्य होना चाहिए कि किस प्रकार बिना कोई गलत काम करे, बिना किसी को नुकसान पहुँचाये मैं लखपति बनूं। अगर आपने प्रण कर लिया है लखपति बनने का तो हम आपको बनाकर ही छोड़ेंगे। और जब आप यह किताब पूरी पढ़ कर समाप्त करोगे, तब तक आप देखोगे कि आपके दिमाग में वो सारी बातें बैठ गई हैं जो आपको लखपति बनाने में मदद करेंगी। जरूरत सबसे ज्यादा इस बात की है कि हम जब कभी भी कुछ विशेष सोचें, कुछ नया सोचें तो इस तरह से सोचें कि हमारा तन, मन और धन उसी एक लक्ष्य में लग जाये। फिर चाहे दिन हो या रात। अर्थात हर समय केवल एक धुन ही सवार रहे - मैं लखपति कैसे बनूं तो मेरी बात मानिये आप निश्चित रूप से लखपति बन जायेंगे और वो भी काफी कम समय में। अपने मकसद को सबसे पहले एक कागज पर लिख डालो अगले दिन फिर उसे पढ़ो, कुछ बदलाव चाहिए तो बदलाव करो और तीसरे दिन उस मकसद को पक्का बैठा लो। केवल कागज पर नहीं बल्कि अपने दिमाग में और रोज जिस प्रकार गीता, रामायण, महाभारत, बाईबल, कुरान, आदि का पाठ किया जाता है उसी प्रकार अपने मकसद का पाठ पढ़ो। रोज, दिन में एक बार अपने मकसद की तरफ, अपनी ही, जी हाँ अपनी ही जिंदगी के मकसद की तरफ नजर दौड़ाओ और चेष्टा रखो और सोचते रहो कि जो लिखा है उसे, देना है हकीकत में स्वरूप। इस प्रकार की सोच रखोगे तो निश्चित रूप से आपका मकसद आपकी हकीकत बन जायेगा। दुनिया बदल जायेगी आपके लिए। छोटी मोटी नौकरी दूर की बात होगी और लाखों रुपये के मालिक बन जायेंगे आप। पर उसके लिए निश्चित रूप से अपनी जिंदगी के सफर को तय करने के लिए अपने मकसद को ही अपना लक्ष्य बनाना होगा।

    * * *

    3

    नौकरी के साथ-साथ सुबह-शाम अतिरिक्त

    काम में लगे रहो, कमाओ ज्यादा और

    पहुंचो जल्दी अपने लक्ष्य पर

    अभी आप एक नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उससे संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि बहुत छोटी नौकरी है। नौकरी से प्राप्त पैसे पहली तारीख को मिलते हैं और महीने की आखिरी तारीख के आने के हफ्ते भर पहले से ही परेशानियाँ आपके चेहरे पर झलकने लगती हैं। जेब में रखा बटुआ खाली दिखाई देने लगता है और महीने के अंत तक आते-आते तो नोटों की क्या पैसों की भी किल्लत महसूस होने लगती है आपको। ऐसे में क्या करें? इच्छा तो होती होगी कि काश! मेरा मालिक मेरी तनख्वाह बढ़ा दे। पर केवल आपके सोचने भर से आपकी तनख्वाह महीने दर महीने बढ़ने वाली नहीं है। ऐसे में एक अचूक उपाय है जो निश्चित रूप से आपके पैसे की बढ़ोतरी करेगा और तनख्वाह के साथ-साथ अतिरिक्त कमाई भी आपके घर में दिलवायेगा। वो तरीका है एक ऐसा निर्णय आज ही ले लेना जिससे हमें हमारी तनख्वाह के अलावा अतिरिक्त कुछ कमाई हो सके। और यह कमाई हम अपनी कड़ी मेहनत के द्वारा कर सकते हैं।

    नौकरी में जो काम आप कर रहे हैं, आप उस काम में निपुण हैं यदि वैसा ही काम आपको सुबह-शाम मिल जाये तो हो गई ना अतिरिक्त कमाई। पर चेष्टा करने पर भी वैसा काम नहीं मिलता, जैसी जरूरत होती है। ऐसे में आप कुछ इस प्रकार के कार्य करें, जिसमें पैसे भी ना लगे और आपकी अतिरिक्त कमाई भी शुरू हो जाए और वो भी नौकरी पर जाने के पूर्व, कुछ ही घंटे अतिरिक्त कार्य करने से। अतः अब आप एक गाँठ बांध लें कि मुझे अपनी नौकरी के अलावा भी अलग से कुछ पैसे कमाने हैं और निश्चित रूप से कमाने हैं। इस बात का ध्यान रखियेगा कि जो भी अतिरिक्त कमाई आप करने की सोच रहे हैं, वो कानूनन रूप से सही हो। इस बात का हमेशा ध्यान रखिये और ये मानसिकता बना लीजिए कि गैर कानूनी या गलत काम से प्राप्त कोई आमदनी कभी भी हमें जिंदगी में

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