महानायक अमिताभ बच्चन (Mahanayak Amitabh Bachchan)
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About this ebook
अमिताभ बच्चन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे अकेले अभिनेता हैं जिन्हें देश के साथ-साथ विदेशों में भी सम्मान, लोकप्रियता और प्रतिष्ठा हासिल है। सन् 1969 में सात हिंदुस्तानी से आरंभ हुआ उनका फिल्मी सफर 70 साल की उम्र में आज भी बदस्तूर जारी है। इस उम्र में दूसरा कोई भारतीय नायके सक्रिय नहीं रहा। यह उनकी लोकप्रियता, बॉक्स ऑफिस संभावना और प्रतिष्ठा का ही चमत्कार है कि निर्माता-निर्देशक आज भी उन्हें फिल्म के केंद्र में रखकर कहानियाँ लिखवाते हैं। फिल्म का नायके कोई भी हो, अमिताभ की भूमिका लगभग हमेशा उस पर बीस ही पड़ती है।
अमिताभ बच्चन को देश-विदेश के दर्जनों सम्मान मिले हैं लेकिन वे सबसे बड़ा सम्मान उन दर्शकों का मानते हैं, जिन्होंने उन्हें सफलता के इस शीर्ष पर प्रतिष्ठापित किया है। यही बड़प्पन उनकी सफलता का राज है। अपनी लोकप्रियता के प्रति वे हमेशा निर्लिप्त नजर आते हैं और कभी अपनी प्रशंसा से उत्साहित नहीं होते, वरन विनम्रतापूर्वक इसका सारा श्रेय अपने निर्माता-निर्देशकों और दर्शकों पर डाल देते हैं।
इस ई-पुस्तक में उन्हीं शालीन महानायके के महाव्यक्तित्व को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। हमें ज्ञात है, इस व्यक्तित्व को शब्दों में बाँधना असंभव नहीं तो मुश्किल अवश्य है। किंतु हमें आशा है कि उनके बारे में इस ई-पुस्तक में प्रस्तुत सार-संक्षेप पाठकों को उन्हें जानने-समझने में उपयोगी होगा।
Mahesh Dutt Sharma
Mahesh Sharma, a prestigious author and journalist, has written more than 1550 Hindi and English books. His book, "Mahatma Gandhi," won the M.P. Govt. Gandhi Darshan National Award in 2010. He also won Purvottar Hindi Academy, Meghalaya, Shilong Award twice, Natraj Author Award etc.. He is a freelance writer and writing is his passion.
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महानायक अमिताभ बच्चन (Mahanayak Amitabh Bachchan) - Mahesh Dutt Sharma
1. कौन हैं अमिताभ?
भारतीय बालिवुड महानायक अमिताभ बच्चन का जन्म का नाम अमिताभ हरिवंश श्रीवास्तव। लोकप्रिय नाम अमिताभ बच्चन। जन्मतिथि 11 अक्टूबर, 1942। जन्म स्थल इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश। पिता डॉ. हरिवंशराय बच्चन। माता। सुश्री तेजी बच्चन। स्कूली शिक्षा- नैनिताल के शेरवुड कालेज से। बी.एस-सी. किरोड़ीमल कालेज, दिल्ली से। नौकरी कलकत्ता की बर्ड एंड कंपनी में रु. 500 की पहली नौकरी। भाई (अनुज) अजिताभ बच्चन। विवाह 3 जून, 1973 को। पत्नी जया बच्चन। बच्चे पुत्र अभिषेक, पुत्री श्वेता। पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी (1969)।
अमिताभ निर्विवाद रूप से हिंदी फिल्मों के महानायक हैं। सन् 1996 में उन्होंने अमिताभ बच्चन केॉर्पोरेशन लिमिटेड, या ए.बी.सी.एल. नाम से एक फिल्म कंपनी स्थापित की लेकिन दुर्भाग्य से वह नहीं चली और उसे बंद कर देना पड़ा।
नेहरू-इंदिरा और राजीव परिवार से उनके निकट संबंध थे। राजीव के आग्रह पर उन्होंने 1985 का लोकसभा चुनाव इलाहाबाद से लड़ा जिसमें वे हेमवतीनंदन बहुगुणा के विरुद्ध लगभग दो लाख वोटों के अंतर से जीते। लेकिन राजनीति उन्हें रास नहीं आई। बोफोर्स तोप दलाली में उनका नाम घसीटा गया। उन्हें भितराघात का भी सामना करना पड़ा अंततोगत्वा उन्होंने बीच में ही संसद् सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
कुली (1982) की शूटिंग के दौरान उनके पेट में भीषण चोट लगी और आँत फटने के कारण उन्हें जिंदगी और मौत से जूझना पड़ा। देश भर के लोगों ने उनके लिए दुआएँ माँगी और वे एक बार फिर नए उत्साह के साथ फिल्म जगत् में लौट आए।
फिल्मों में ब्रेक पाने के लिए जारी संकार्ष के दौर में अमिताभ बच्चन ने अपनी धीर-गंभीर आवाज का कई फिल्मों में व्यावसायिक इस्तेमाल किया।
बॉलिवुड के सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाले महानायके वे ही हैं। बी.बी.सी. के एक सर्वेक्षण में चार्ली चैपलिन, सर लारेंस ऑलिवर और मर्लिन ब्रांडो के साथ सदी के अभिनेता के रूप में नामित हुए।
20 वर्षों के महानायक को 1990 के दशक के अंत में समाप्त समझ लिया गया जब वह राजनीति में असफल हो गया और उसकी व्यावसायिक महत्त्वाकांक्षाओं ने भी दम तोड़ दिया। लेकिन कौन बनेगा करोड़पति (सन् 2000) ने अमिताभ को पुनस्र्थापित किया। इसी वर्ष मोहब्बतें और सन् 2001 में प्रदर्शित कभी खुशी कभी गम ने उन्हें पुनः महानायक के सिंहासन पर आसीन कर दिया।
मि. नटवरलाल, लावारिस, तूफान और सिलसिला जैसी कुछ फिल्मों में उन्होंने कुछ गाने भी गए, जो लोकप्रिय भी हुए।
1997 में अमिताभ नाना बने जब उनकी पुत्री श्वेता ने नव्या को जन्म दिया।
परदे पर विजय उनका लोकप्रिय नाम रहा जो 20 से भी अधिक फिल्मों में रहा।
उनके पिता हरिवंशराय बच्चन उनका नाम इंकलाब रखना चाहते थे जिसका अर्थ होता है क्रांति लेकिन बाद में कविवर सुमित्रानंदन पंत के परामर्श पर उनका नाम अमिताभ (सूर्य) रखा गया।
अपने 61वें जन्मदिन पर अमिताभ ने ए.बी.सी.एल. को ए.बी. केॉर्पोरेशन के नाम से पुनः आरंभ किया। लाखों रुपए के कर्ज में डूबने के कारण ए.बी.सी.एल. को बंद करना पड़ा था फिर भी अमिताभ बच्चन ने इसे नाम बदलकर पुनः आरंभ करने का जोखिम उठाया।
अमिताभ की अधिकतर फिल्मों में निरुपाराय उनकी माँ बनीं। आखिरी बार सन् 1999 में लाल बादशाह में उन्होंने यह भूमिका अदा की।
58 वर्ष की आयु में वे अपने सह-कलाकार मनोज वाजपेयी के साथ अक्श (सन् 2001) फिल्म के लिए 30 फुट की ऊँचाई से कूदे थे।
सन् 1996 में उन्होंने एक पॉप एलबम एबी बेबी किया। यह एलबम ए.बी.सी.एल. द्वारा जारी किया गया। इसमें ईर बीर फत्ते जैसा गाना और उनकी आरंभिक फिल्में ओ साथी रे और कभी-कभी के गानों को रीमिक्स के रूप में प्रस्तुत किया गया था। ईर बीर फत्ते की प्रेरणा उनकी फिल्म अदालत (1977) के एक प्रसिद्ध संवाद से हुई थी।
अमिताभ एकमात्र ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने सन् 1972 से सन् 1986 में लगातार पंद्रह वर्षों में औसतन एक हिट फिल्म अवश्य दी है।
अमिताभ बच्चन खब्बू (बाएँ हाथ से काम करनेवाले) हैं और फिल्मों में इसी हाथ से जौहर दिखाते हैं। लेकिन दोनों हाथों से लिख सकते हैं।
आरंभ में, ऑल इंडिया रेडियो ने उनकी आवाज को प्रसारण के अयोग्य करार दे दिया था।
उन्होंने ब्लैक (सन् 2005) फिल्म के लिए गूँगों की भाषा सीखी थी।
सन् 2005 में उन्होंने अपने पूरे फिल्मी जीवन की सबसे अधिक फिल्में कीं - पूरी ग्यारह!
शक्ति (1982) एकमात्र ऐसी फिल्म है जिसमें उन्होंने दिलीप कुमार के साथ काम किया।
अमिताभ एकांतप्रिय हैं, ऐसा उनकी पत्नी जया बच्चन का मानना है।
एक समय था जब अमिताभ बच्चन दो बोतल तक शराब और सौ तक सिगरेटें पी जाते थे। वे मांसाहार भी करते थे लेकिन अब उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया है और वे शुद्ध शाकाहारी हैं।
स्कूल के दिनों में अमिताभ बच्चन इंजीनियर बनने के