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एनएल चर्चा 35: कुलदीप नैयर, केरल की बाढ़ और आप की उठापटक
FromNL Hafta
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Length:
58 minutes
Released:
Aug 25, 2018
Format:
Podcast episode
Description
केरल में आई बाढ़ की आपदा से उबरने के लिए यूएई की ओर से कथित आर्थिक मदद की पेशकश, नवजोत सिंह सिद्धू का पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा से गले मिलना, आम आदमी पार्टी के भीतर खींचतान, वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का निधन और राहुल गांधी द्वारा विदेशी जमीन पर दिया गया भाषण इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय थे.इस बार चर्चा के विशिष्ट अतिथि रहे फिल्म समीक्षक मिहिर पांड्या. साथ ही पैनल में मौजूद रहे न्यूज़लॉन्ड्री संवाददाता अमित भारद्वाज और राहुल कोटियाल. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.15 अगस्त से 24 अगस्त के बीच आम आदमी पार्टी से उसके दो वरिष्ठ सदस्यों आशुतोष और आशीष खेतान ने इस्तीफा दे दिया. दोनों पेशे से पत्रकार थे और आम आदमी पार्टी के गठन के बाद राजनीति में आए थे. आप में शुरू हुई इस नई उठापटक के संबंध में अमित भारद्वाज ने कहा, "पिछले छह महीनों में आप के तीन बड़े नेताओं (कुमार विश्वास, आशुतोष और आशीष खेतान) ने पार्टी से किनारा कर लिया है. इसके केन्द्र में तीन राज्यसभा सीटें हैं. पार्टी ने संजय सिंह सहित दो गुप्ताओं को राज्यसभा भेजा. वहीं से यह सारा मामला शुरू हुआ है.""हमने देखा है नेताओं का आना-जाना तब होता है जब पार्टियां सत्ता से बाहर होती हैं. यहां आप सत्ता में है फिर भी उसके नेता पार्टी से किनारा कर रहे हैं," अतुल ने कहा.साथ ही अतुल ने यह भी कहा, “योगेंद्र यादव या प्रशांत भूषण के अलगाव की तुलना में आशुतोष और आशीष का जाना एकदम अलग है. इन दोनों ने बेहद शांति से व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए, नेतृत्व पर कोई सवाल खड़ा किए बिना पार्टी से किनारा किया है, इस लिहाज से यह किसी पद या महत्वाकांक्षा से इतर पार्टी से पैदा हो रहे मोहभंग का मामला दिखता है. योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और आनंद कुमार के इस्तीफे के बाद जिस तरह से नाकारात्मक रिपोर्टिंग हुई थी, वैसा इस बार देखने को नहीं मिल रहा है.”राहुल कोटियाल ने बताया, "अब तक आप के अंदर हुए इस्तीफों को तीन स्तरों पर देखा जाना चाहिए. पहला, योगेन्द्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण का इस्तीफा जो कि काफी हद तक सैद्धांतिक कारणों से जुड़ा था. दूसरा, कुमार विश्वास का पार्टी से किनारा जो कि स्पष्ट रूप से राज्यसभा की सीट न मिलने के चलते पैदा हुई कुंठा का नतीजा था. तीसरा, आशुतोष और आशीष खेतान का इस्तीफा है जिस पर फिलहाल पार्टी का रुख अस्पष्ट है. बहुत संभव है कि ये किसी तरह की निगोशियेशन की कोशिश हो."मिहिर पांड्या ने अतुल की बात से सहमति जताते हुए अपनी बात शुरू की. उनके मुताबिक, "आम आदमी पार्टी चुनावी राजनीति की तयशुदा ढर्रे में बदल गई है. दरअसल, एक-एक करके वे सारे लोग जो विनिंग कैंडिडेट नहीं है या उन्हें समझ आ गया है कि वे उस ढांचे में फिट नहीं बैठते जिसमें चुनाव जीता जाता है, ऐसे में उन्हें समझ आ रहा है कि पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है."मिहिर ने बताया कि पिछले कुछ समय में पार्टी में जिस तरह के सैद्धांतिक बदलाव हुए हैं वह भी चिंता का विषय है. ऐसा लगता है अरविंद केजरीवाल को समझ आ गया है कि भारतीय राजनीति में उन उसूलों पर राजनीति नहीं कर सकते, जिसकी कल्पना उन्होंने की थी. साथ ही चर्चा में एक सवाल आम आदमी पार्टी के नेतृत्व के ऊपर भी उठा. अतुल ने पैनल से केजरीवाल और सिसोदिया के नेतृत्व के संबंध में पैनल की राय जानना चाहा. अमित ने बताया कि न सिर्फ दिल्ली में बल्कि अन्य राज्यों में भी नेतृत्व का संकट गहराता जा रहा है. उन्होंने पंजाब का उदाहरण दिया जहां से आप को अब तक दिल्ली के बाद सबसे बड़ी सफलता मिली है. वहां पार्टी में खींचतान चल रही है. निश्चित रूप से आप नेतृत्व में दिल्ली दरबार वाली कार्यसंस्कृति के संकेत मिल रहे हैं जिससे पार्टी के भीतर कसमसाहट है. वहीं पार्टी जिन्हें चुनाव लड़ने का अवसर दे रही है, उनके पास संसाधनों की घोर कमी है. अमित के मुताबिक "आशुतोष से पार्टी ने चुनाव लड़ने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. खेतान भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. संसाधनों के आभाव में भाजपा जैसी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ना बहुत मुश्किल है."बाकी विषयों के लिए पूरी बातचीत सुनें. See acast.com/privacy for privacy and opt-out information.
Released:
Aug 25, 2018
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
Bill Maher on the Noah’s Ark movie and the Christian God having anger issues like Russel Crowe. by NL Hafta