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एन एल चर्चा 54: प्रियंका गांधी, महागठबंधन, ईवीएम हैकिंग और अन्य
FromNL Hafta
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Length:
54 minutes
Released:
Jan 26, 2019
Format:
Podcast episode
Description
इस हफ्ते की चर्चा कांग्रेस द्वारा प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाने पर केंद्रित रही. 2019 लोकसभा चुनावों से ठीक पहले प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने के क्या अर्थ है और इसके क्या परिणाम संभावित हैं, इन सब विषयों पर चर्चा हुई साथ ही कोलकाता में ममता बनर्जी ने एक बड़ी विपक्ष की रैली आयोजित की जिसमें करीब 20 बड़े राजनैतिक दलों के नेता और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए. इस पर बीजेपी की तरफ से एक प्रतिक्रिया आई कि यह भ्रष्ट और नामदार लोगो का गठबंधन है. क्या भाजपा के अंदर कोई बेचैनी पैदा हुई है, इस पर भी पैनल ने बहस की. बीते हफ्ते एक और बड़े घटनाक्रम के तहत सईद शुज़ा नाम के साइबर एक्सपर्ट ने लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है और 2014 के बाद से देश में हुए सारे चुनाव में ईवीएम के जरिए घपला किया गया है. ईवीएम में गड़बड़ी के ज़रिए चुनावी नतीजों को प्रभावित किया गया है. हालांकि शुजा के दावे में तथ्य कम और खामियां बहुत हैं. जो कि हमारी चर्चा का विषय रहा. साथ ही ऑक्सफेम के वह रिपोर्ट भी हमारी चर्चा में शामिल हुई जिसमें देश के 9 बड़े उद्योगपतियों के पास देश की आधी आबादी के बराबर संपत्ति है.चर्चा में इस बार आउटलुक पत्रिका के असिस्टेंट एडिटर ओशिनॉर मजूमदार पहली बार चर्चा का हिस्सा बने, इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकर आनंद वर्धन भी चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन हमेशा की तरह न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.शुरुआत प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने के निर्णय से हुई. अतुल ने आनंद वर्धन से पूछा, “आनंद एक सवाभाविक सा सवाल पैदा होता है की राहुल गांधी ने हाल ही में एक अच्छा परफॉर्मेंस दिया था. तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी जीतने में सफल रही. सबसे बड़ा सन्देश था की भाजपा का स्कोर 0-5 रहा. तो ऐसी स्थिति में आखिरी पल में प्रियंका गांधी को पार्टी में लाने के निर्णय को कैसे देखते है क्यों इसकी नौबत आन पड़ी कांग्रेस को?”इसका जवाब देते हुए आनंद ने कहा, “इसको कई नज़रिए से देखा जा सकता है. मैं इसमें नहीं जाना चाहूंगा. सम्भव है की यह एक पारिवारिक निर्णय हो, डाइनिंग टेबल निर्णय हो और कांग्रेस के लोग वहां बैठ कर पत्रकारों पर हंस रहे हों की ये लोग कैसे-कैसे कारण बता रहे हैं.”आनंद आगे कहते हैं, "अभी जो सपा-बसपा का अंक गणित है, जो केमिस्ट्री है उसमें कांग्रेस ने बदलाव कर दिया है. क्योंकी गठबंधन से दरकिनार करने से भी बुरी स्थिति है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां अल्पसंख्यक या मुस्लिम संख्या में ज्यादा हैं वहां सपा-बसपा को स्पष्ट मज़बूती मिलती दिख रही है. लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में गणित अभी भी उलझा हुआ है. यहां जातीय गणित है. सभी दलों का अपने वोटबैंक पर दावा है. मतलब स्थिति इतनी स्पष्ट नहीं है. कांग्रेस इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाकर भाजपा को कमज़ोर ज़रूर कर सकती है.”अतुल ने यहां पर ओशिनॉर को चर्चा में शामिल करते हुए पूछा, “आनंद ने बहुत सफाई से उस वाले सवाल को टाल दिया कि "ऐसा क्यों". तो मैं ये जानना चाहूंगा की आप उस क्यों के बारे में बात करना चाहेंगे या फिर आप भी प्रियंका को सक्रिय राजनीति में शामिल होने के संभावित नतीजों के बारे में ही बात करना पसंद करेंगे?”ममता बनर्जी की कोलकाता में बड़ी विपक्षी रैली और ईवीएम हैकिंग पर भी पैनल के बीच दिलचस्प सवाल-जवाब हुए. आनंद और ओशिनॉर मजूमदार ने इसमें हस्तक्षेप किया. अन्य विषयों पर पैनल की विस्तृत राय जानने के लिए पूरी चर्चा सुने. See acast.com/privacy for privacy and opt-out information.
Released:
Jan 26, 2019
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
Bill Maher on the terrible tipping habits of Christians in Missouri. by NL Hafta