Jitiye, Aap Jeet Sakte Hain : Cricket Maphiya Ko Den Sheh... Aur Maat (जीतिए, आप जीत सकते हैं: क्रिकेट माफिया को दें शह... और मात)
By Atul Kumar
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आप एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका या टिम्बकटू में रहते हों या आप किसी भी धर्म या पंथ से संबंध रखते हों; लेकिन अगर आप क्रिकेट पर दांव लगाते हैं या ड्रीम 11 जैसे क्रिकेट आधारित फंतासी गेम खेलते हैं, तो यह किताब आपके लिए है।
इस पुस्तक की मदद से, आप न केवल अपनी कीमती संपत्ति को बचाने में सक्षम होंगे, बल्कि सर्व-शक्तिशाली क्रिकेट सट्टेबाजी उद्योग को भी मात दे सकते हैं, जो एक सतर्क अंदाजे से रोजाना औसतन 3000 करोड़ डॉलर या 2 लाख करोड़ रूपये से अधिक का धंधा करता है। आप जीतना शुरू कर सकते हैं और नियंत्रित तरीके से पूँजी बना सकते हैं।
"....अधिकांश लोगों के लिए पूरी पुस्तक में जो युक्तियुक्त और ठोस निष्कर्ष हैं उनपर कोई भी बहस करना मुश्किल होगा ....."
खेल लेखक और क्रिकेटर, मैट हैरिस (Matt Harris), द्वारा दुनिया भर में क्रिकेट सट्टेबाजी पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में वर्षों पूर्व अंग्रेजी में लिखी लेखक की एक पिछली पुस्तक 'All Cricket Matches are Fixed' का चयन करते समय। पूरे अधिकार से लिखी गयी एक पुस्तक जो किसी को भी भौचक्का छोड़ देगी आखिरकार, विषय के जाने माने मास्टर का मास्टर स्ट्रोक
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Jitiye, Aap Jeet Sakte Hain - Atul Kumar
क्रिकेट की वास्तविकता
किसी भी क्रिकेट सट्टेबाज के लिए सबसे पहले आवश्यक है क्रिकेट की वास्तविकता को समझना और उसे आत्मसात करना - उन मैचों की वास्तविकता को जिन पर वे दांव लगा रहे हैं। इसके लिए आवश्यकता होगी एक साफ दिमाग की, क्रिकेट सम्बन्धी उन सभी बातों को भूल जाने की जो दशकों से धूर्त ताकतों द्वारा हमारे मानस में क्रिकेट के बारे में भरी गयी हैं। आवश्यकता होगी अपने दिमाग को उन्हीं दुष्ट ताकतों द्वारा हर समय रचे जा रहे सभी छलावरणों से बचा कर साफ रखने की। यदि आप पहले से इस बात को नहीं जानते हैं तो अब अपने जीवन में एक बड़े झटके के लिए तैयार रहें। और मुझे यकीन है कि अधिकांश पाठेकों को और सट्टेबाजों को भी क्रिकेट के बारे में पूरी सच्चाई का पता नहीं होगा। कई लोगों के फिक्सिंग को लेकर कुछ अस्पष्ट विचार हैं, परन्तु उसकी गहराई और विशालता से, उसके पीछे के विज्ञान से लगभग सभी नितांत अनजान हैं।
आपको लूटने के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाली दुष्ट और अपराधिक ताकते हैं - मीडिया, इस व्यवसाय में उनमें सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले भी बाहर नहीं हैं; विभिन्न क्रिकेट बोर्ड, भारत जैसे देशों की सरकारों सहित प्राधिकारी वर्ग; सभी सेलिब्रिटी क्रिकेटर और क्रिकेट विशेषज्ञ; गावस्कर, द्रविड़, कुंबले, तेंदुलकर, धोनी, रिचर्ड्स, पोंटिंग, कैलिस, क्लार्क, कोहली, मैकग्राथ, जयसूर्या, तिलकरत्ने, शाकिब अल हसन, कुक, मॉर्गन, मिस्बाह, वसीम अकरम, वकार यूनुस, शाहिद अफरीदी, टेलर, स्ट्रीक, फ्लावर, होल्डर, वॉल्श, पोलार्ड, रसेल (किसी भी देश का कोई भी खिलाड़ी, अतीत या वर्तमान, जो आप सोच सकते हैं) सहित दिग्गज खिलाड़ी; क्रिकेट कमेंटेटर; दुनिया भर में विभिन्न लीग टीमों के मालिक और उनसे जुड़े लोग, और कई अन्य। क्योंकि वे सभी क्रिकेट की वास्तविकता से अवश्य ही अवगत हैं, लेकिन वे न केवल इस तथ्य को छिपाते हैं, बल्कि आपको क्रिकेट एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में बेचते हैं, जो कि दशकों से यह है ही नहीं। उनमें से कई बड़े पैमाने पर खुली धोखाधड़ी में सीधे तौर पर शामिल रहे हैं। लेकिन आप नहीं जानते, क्योंकि मीडिया सुनिश्चित करता है कि आप न जान पाएं। लगभग एक दशक से सार्वजनिक रूप से सामने आई क्रिकेट की वास्तविकता के बावजूद, मीडिया या फिर जो भी अखबार आप खोलते हैं, क्रिकेट मैचों के बारे में ऐसे टिप्पणी करते हैं और लिखते हैं मानो जीतने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक रूप से खेले जाने वाले या खेले गए मैच हों। सच्चाई को अच्छी तरह से जानने के बावजूद, मीडिया दुनिया भर में क्रिकेट को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में प्रस्तुत करता रहता है। और सभी देशों में करोड़ों क्रिकेट सट्टेबाज ऐसा ही मानकर क्रिकेट सट्टे में लिप्त रहते हैं और परिणामस्वरूप बार-बार लूटे जाते हैं! हाँ, पूरी बात अविश्वसनीय लगती है, और शायद सामान्यतः लोगों के लिए समझ से बाहर भी! कहावत है, वास्तविकता कल्पना से कहीं ज्यादा विस्मयकारक और आश्चर्यजनक होती है!
और आप कभी कल्पना भी न करें कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति, न्यायालयों सहित, कभी भी आपके बचाव के लिए आने वाला है। कोई भी आपको सट्टा-माफिया के चंगुल से छुड़ाने वाला नहीं है। यह उनके प्रत्यक्ष शिकार, यानी आप, पर है कि समझदार बनें और इस अपराध के अपराधियों से अधिक चालाक सिद्ध हों।
कुछ वर्ष पहले, 2017 में, मैंने एक विस्तृत याचिका के साथ देश के सर्वोच्च न्यायालय, भारत के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने में सक्षम होने के लिए बहुत सारे निरंतर प्रयास किए। मेरा उद्देश्य क्रिकेट के नाम पर बड़े पैमाने पर चल रही अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी को समाप्त करना था, और दुनिया भर में करोड़ों अज्ञानी क्रिकेट सट्टेबाजों को लूटने के लिए हर समय हो रहे पूर्व-निर्धारित मैचों की लूट से बचाना था। लेकिन कोर्ट ने अपने विवेक से मामले को हमेशा के लिए दबाने का फैसला किया। न्यायालय के प्रति मेरी अटलता और न्यायालय के पापों का विस्तार से वर्णन मेरी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध पुस्तक ‘We the Oodles’ में है, जो 2020 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक में न केवल खुले आम हो रहे अपराध और उसे अंजाम दे रहे प्राधिकारियों, मीडिया और न्यायालय के पापों को उजागर करने वाली हर चीज का विस्तार से दस्तावेजीकरण किया गया है। बल्कि यह पुस्तक निष्ठापूर्वक उन सभी को भेजी भी गई थी ताकि वे कभी भी अपने कुकर्मों से अनभिज्ञता का बहाना न बना सकें या यह न कह सकें कि किसी ने उनकी पीठ पीछे बात की। वह सब भी सार्वजनिक रूप से प्रलेखित है और नवंबर, 2021 में प्रकाशित मेरी नवीनतम पुस्तक ‘What is killing us... Covid or Stupidity?’ (बाद में हिन्दी में ‘कोविड: मीडिया का भ्रमजाल और शैतानी ताकतों का शतरंज’) का एक हिस्सा है। पापियों के लिए बचने का कहीं कोई रास्ता नहीं है। इन पुस्तकों द्वारा भारत का उच्चतम न्यायालय और मीडिया जैसी बड़ी ताकतें हमेशा के लिए कटघरे में जकड़े गये हैं। लेकिन ये ताकतें या इनको भी चलाने वाली माफिया-ताकतें इतनी सामर्थ्यवान हैं कि खुल्ले-आम दुष्टता अभी भी जारी है!!
विभिन्न क्रिकेट बोर्डों और आईसीसी (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) द्वारा नियंत्रित क्रिकेट मैचों को प्रतिष्ठा के लिए खेले जाने वाला और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माना जाता है। कहा जाता है कि हर टीम जीत के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही होती है। इस प्रकार से दुनिया भर में करोड़ों भ्रमित लोग क्रिकेट पर दांव लगाते समय जाल में फंसते रहते हैं। वे शर्त लगाते हुए अनुमान लगाते हैं कि आगे क्या होना चाहिए - यह सोचकर कि वहाँ एक निष्पक्ष प्रतिस्पर्धी खेल खेला जा रहा है और सभी खिलाड़ी और टीमें जीतने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे होंगे। वे खिलाड़ियों की क्षमताओं और समय के साथ निर्मित उनकी प्रतिष्ठा के अनुसार अंदाजा लगाते हैं, और मैच दर मैच जाल में फंसते जाते हैं! इन मैचों और क्रिकेट की वास्तविकता क्या है?
2012 में प्रकाशित रियलिटी फिक्शन ‘Inside the boundary line’ ने सबसे पहले दुनिया को क्रिकेट की हकीकत के बारे में बताया। कैसे क्रिकेट पूरी तरह सट्टा सिंडिकेट की गिरफ्त में चला गया था। कम से कम पिछले कुछ दशकों से। 28 जनवरी, 2013 को कोलकाता में मेरे द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से दुनिया को औपचारिक रूप से भी इसके बारे में बताया गया था। साथ ही साथ, क्रिकेट पत्रकार श्री बिपिन दानी के साथ मेरे साक्षात्कार के माध्यम से भी यही किया गया था, जो 27 जनवरी, 2013 को समाचार पत्रों Deccan Chronicle’ और ‘Asian Age’ में प्रकाशित हुआ था (शायद ये केवल ऐसे समाचार पत्र थे या बहुत कम समाचार पत्रों में से कुछ थे जो उन दिनों 27 जनवरी को भारत में भी प्रकाशित होते थे)।
वह 9 साल पहले की बात है। तब से अब तक पुल के नीचे काफी पानी बह चका है। यह अब किसी भी संदेह से परे स्थापित है, सूरज के समान स्पष्ट है, कि क्रिकेट क्या है; यह कैसे एक कठपुतली शो से ज्यादा कुछ नहीं है, कुछ अज्ञात ताकतों द्वारा निर्देशित एक शो, उनका बनाया एक मायाजाल, जिसका असली उद्देश्य आपको, क्रिकेट सट्टेबाजों को, दुनिया भर में लूटना है, बेहिसाब, अरबों-खरबों डॉलर प्रति वर्ष।
गणितीय या वैज्ञानिक साक्ष्य सहित संपूर्ण दस्तावेजीकरण के साथ सभी घटनाक्रम और साक्ष्य के वर्षों से निर्विरोध व अविवादित भंडार को इन पुस्तकों में अच्छी तरह से वर्णित किया गया है: Bettors Beware (All Cricket Matches are Fixed शीर्षक के तहत पुनर्प्रकाशित हुई), Cricket the Massive Fraud (हिंदी और कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में ‘क्रिकेट सबसे बड़ा फ्रॉड और मूर्ख बनते लोग’ शीर्षक के साथ अनुवादित और प्रकाशित), Underworld Cup, और We the Oodles। पुस्तक ‘What is killing us ... Covid or Stupidity?’ आगे सब कुछ पुष्ट करती है।
इन पुस्तकों में कुछ वर्षों में कई मैचों के उदाहरण/विश्लेषण भी सामने आते हैं - यह दिखाने के लिए कि कैसे एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में आपको परोसा गया क्रिकेट पूरी तरह से नकली था। इसके अलावा, वर्षों तक https://www.facebook.com/BettorsBeware पर मेरे श्रमसाध्य पोस्ट दुनिया और सट्टेबाजों को लगातार बताते रहे कि क्या हो रहा था।
मुझे यकीन है, आप में से अधिकांश, बल्कि आप में से लगभग सभी कहेंगे कि आप उपरोक्त में से किसी के बारे में नहीं जानते हैं। क्योंकि आधुनिक दुनिया में, मनुष्य आसपास की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानने के लिए मीडिया पर निर्भर है। और मीडिया, समाज का स्वयंभू विवेक रक्षक, आपसे सच्चाई छिपाने की पूरी कोशिश करता रहा है, कर रहा है; आपको कष्ट भुगतने के लिए और दुष्ट व धूर्त ताकतों को अपना धन गँवा देने के लिए छोड़कर। ‘We the Oodles’ पुस्तक में ‘Exposing the Exposed’ अध्याय विस्तार से बताता है कि कैसे वैश्विक मीडिया, विशेष रूप से भारतीय मीडिया, क्रिकेट के माध्यम से वैश्विक छल-कपट को जारी रखने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
आइए, 7 अरब मनुष्यों की पूरी दुनिया को एक विशाल सार्वजनिक धोखाधड़ी का जश्न मनाते हुए अपनी मूर्खता की महिमा का आनंद लेने दें, क्योंकि ये ऐसा बहुत खुशी से करते आ रहे हैं। पूरी तरह से तय और फिक्स क्रिकेट आपको सीधे चोट पहुंचाता है और तेज आघात करता है। इसकी पूरी रूपरेखा केवल उसी मुख्य उद्देश्य के लिए है - खरबों डॉलर के लिए जो आपकी जेब से हर साल सिंडीकेट और उनके साथियों को जाता है!
क्रिकेट का विस्तार हो रहा है। अधिक से अधिक देश अब क्रिकेट खेल रहे हैं। लीग क्रिकेट भी फलफूल रहा है। महिला क्रिकेट दुनिया भर में अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रहा है। इसका मतलब है कि अधिक मैच, क्रिकेट पर लगातार बढ़ती सट्टेबाजी, और सिंडिकेट की लूट की राशि में कई गुना वृद्धि (यानी, ब्रोकरेज से होने वाली आय के अलावा जो तुलना में नगण्य रूप से छोटी होनी चाहिए)। इससे आपके लिए लुटेरों और उनके तरीकों के बारे में सब कुछ जानना अनिवार्य हो जाता है, न केवल अपनी भलाई के लिए, बल्कि आर्थिक रूप से अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए भी।
अब सार्वजनिक डोमेन में क्रिकेट की वास्तविकता के साक्ष्य का मानो एक विश्वकोश उपलब्ध है (एक बिरले खेल संपादक के कहे अनुसार) जो यह बताता है कि क्रिकेट क्या है और क्या नहीं। लेकिन कमेंटेटर और क्रिकेट विशेषज्ञ मैदान में नाटकों को एक खेल के रूप में समझाने के अपने व्यवसाय में हमेशा की तरह लगे रहे हैं और लगे हुए हैं। अब आप उन पर विश्वास करें या अपनी स्वयं की व्यावहारिक बुद्धि पर, यह आप पर निर्भर करता है। संभवतः आप क्या मानते हैं यह आपके लिए मायने नहीं रखता जब तक आप खेल के केवल एक दर्शक हैं; लेकिन जैसे ही आप सट्टेबाजी के क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, आपके लिए क्रिकेट की वास्तविकता को जानना और पूरी तरह से समझना नितांत आवश्यक हो जाता है।
यदि आप खुली आँखों से मैच देख रहे हैं और यदि आप जो देख रहे हैं उस पर थोड़ी सी भी समझ लगाएं, तो अदालतों के लिए उपलब्ध सबूतों के ब्योरे में जाने और उस पर अपना समय बर्बाद करे बिना आप वास्तविकता को समझ सकते हैं। लेकिन इससे पहले आपको अपने दिमाग को उन सभी चीजों से साफ करना होगा जो वर्षों से दिन-ब-दिन कड़ी मेहनत से आपके दिमाग में इंजेक्ट की गई हैं, गहरे तक घुसाई गयी हैं - जब से आपने क्रिकेट देखना शुरु किया है। और मेरा विश्वास करिये, यह आसान नहीं होने वाला है। मुझे बौद्धिक वर्ग से संबंधित कहा जा सकता है और बहुत से उच्च शिक्षित और बुद्धिमान लोगों के साथ विचार-विमर्श का मुझे अवसर प्राप्त होता रहता है; मैं देखता हूँ कि उनमें से अधिकांश लोगों के लिए भी अपने जीवन भर के अनुकूलन (कंडीशनिंग) से छुटकारा पाना असंभव सा होता है।
दुनिया को जो आज तक बताया गया है और बताया जा रहा है वह यह है कि क्रिकेट एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी अंतर्राष्ट्रीय खेल है, चाहे लीग मैच हों या अंतर्राष्ट्रीय मैच; सभी मैच प्रतिष्ठा के लिए खेले जाते हैं और टीमें जीतने की पूरी कोशिश करती हैं। कुछ गुमराह खिलाड़ियों की संलिप्तता के कारण कभी-कभी थोड़ी बहुत फिक्सिंग हो सकती है, लेकिन विभिन्न क्रिकेट बोर्डों और आईसीसी (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की आंतरिक जिम्मेदार भ्रष्टाचार-विरोधी मशीनरी दोषियों को सामने ला कर यह देखने के लिए है कि ज्यादातर मैच निष्पक्ष बने रहें। लेकिन क्या मैच निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी होते हैं?
यदि आप मैचों पर दांव लगाते हैं, तो आप मैच देखते भी होंगे। तो आप उनमें क्या देखते हैं? कभी-कभी जब मैच जीतने के लिए आखिरी गेंद या आखिरी कुछ गेंदों पर बाउंड्री की, या पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए जितना संभव हो उतना बड़ा लक्ष्य निर्धारित करने की, आवश्यकता होती है, तब क्या आप जमे हुए खूखार हिटरों को गेंद को टैप भर करते हुए नहीं देखते हैं? क्या आप प्रशंसित व अत्यधिक प्रतिभाशाली गेंदबाजों को अचानक अपनी टीमों के लिए मैच हारने के लिए, या अन्यथा बल्लेबाजों द्वारा स्कोरिंग को सुविधाजनक बनाने के लिए अचानक निरंकुश गन्दी गेंदबाजी करते हुए नहीं देखते हैं?
क्या आप गेंदबाजों को लेग स्टंप पर फल टॉस गेंदे खिलाते हुए नहीं देखते हैं जिससे विपक्षी टीम को अंतिम कुछ गेंदों में आवश्यक रन बनाने में जरूरी मदद मिल जाए? क्या आप नहीं देखते हैं कि अधिकांश फ्री-हिट सर्वश्रेष्ठ हिटरों द्वारा भी उपयोग नहीं किए गए हैं या नहीं किये जाते हैं? क्या आप बल्लेबाजों (चाहे पुरुष हों या महिला) को जानबूझकर आउट होने के लिए शॉट खेलते हुए नहीं देखते हैं? कभी-कभी यह सब बहुत स्पष्ट होता है, उन लोगों के लिए और भी अधिक स्पष्ट होना चाहिए जो क्रिकेट को मुझसे या आप से बेहतर जानते और समझते हैं। हालांकि जो कुछ भी होता है उसके लिए कोई न कोई टिप्पणीकार (कमेंटेटर) औचित्य देने के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं ताकि आपका दिमाग धुंधला रहे और आप स्पष्ट चीजें भी न देख, समझ पाएं। यदि मैच स्पर्धात्मक होते, तो आप को मैदान में होती ऐसी वाहियात, मजाकिया, स्वयं को हराने वाली क्रिकेट शायद एक बार भी नजर नहीं आती।
क्या आप नहीं देखते हैं कि रन-आउट के अवसरों को कई बार जानबूझकर चूका जाता है, या तो फील्डर्स द्वारा इधर-उधर गेंद फेंक कर या स्टंप के पास वाले खिलाड़ी द्वारा? क्या आप बल्लेबाजों को जानबूझकर रन-आउट होते हुए या यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे आउट हों, एक विशेष