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Fir Se Shoonya
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Ebook158 pages50 minutes

Fir Se Shoonya

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About this ebook

एक आम मनुष्य समाज के अपेक्षित वर्ग में अवश्य आता है परंतु खुशियों में झूमता भी वही अधिक है। त्रासदियों में सबसे पहले टूटता भी आम मनुष्य है और उनसे सबसे प्रथम उभरता भी वही है। कह सकते हैं आम मनुष्य का जीवन शून्य से परस्पर जुड़ा हुआ रहता है। जो उसे कभी अंत कभी आगाज़ का अनुभव कराता है। शून्यता पुर्नावृति का माध्यम है इसीलिए कोई सफर शुरू से अंत नहीं होता बल्कि शून्य से शून्य ही होता है। शून्य संभावनाओं की अस्थि नहीं बल्कि शून्य संभावनाओं की पृथ्वी है जो किसी भी रूप और प्रकार के सृजन को तत्पर और विकसित होती रहती है।

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गढ़वाल हिमालय के लैंसडाउन क्षेत्र में इनका जन्म हुआ। प्राथमिक शिक्षा नौसेना की पृष्ठभूमि में दिल्ली, विशाखापट्टनम,  कोच्चि और मुंबई शहर के केंद्रीय विद्यालयों से प्राप्त की। मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा, बैचलर ऑफ साइंस, वर्ष 1998 में पूर्ण की। शिक्षा के दौरान वह कई पेंटिंग प्रतियोगिताओं में पुरुस्कृत हुए और मुंबई विश्वविद्यालय के वर्ष 1997 में वॉटर कलर पेंटिंग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। एन. आई. आई. टी. से पोस्ट ग्रेजुएट इन सिस्टम्स मैनेजमेंट वर्ष 2002 में पूर्ण की। वर्तमान समय में वह सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पुणे में कार्यरत हैं। कविता लेखन के प्रति रुचि ने कार्यकारी जीवन के प्रारंभिक वर्षों में आकार लिया, और मित्रों एवं परिवार जनों का संपूर्ण सहयोग व प्रोत्साहन मिला। इसी कड़ी में उनका प्रथम काव्य संग्रह "मुसाफ़िर" नवंबर, 2020 में प्रकाशित हुआ । उनका मानना ​​है, कि कला के लिए हर प्रेरणा स्रोत किसी न किसी माध्यम से हमसे कुछ कहने की कोशिश करते हैं।

Languageहिन्दी
Release dateJan 26, 2023
ISBN9798215725856
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    Fir Se Shoonya - Praveen Kotla

    फिर से शून्य

    ——————-

    प्रवीण कोटला

    ––––––––

    D:\R PUblishers\R PUB\B-W-Logo.png

    राजमंगल प्रकाशन

    An Imprint of Rajmangal Publishers

    ISBN:  978-9391428723

    Published by :

    Rajmangal Publishers

    Rajmangal Prakashan Building,

    1st Street, Sangwan, Quarsi, Ramghat Road

    Aligarh-202001, (UP) INDIA

    Cont. No. +91- 7017993445

    www.rajmangalpublishers.com

    rajmangalpublishers@gmail.com

    sampadak@rajmangalpublishers.in

    ——————————————————————-

    प्रथम संस्करण : जनवरी 2023 – पेपरबैक

    प्रकाशक : राजमंगल प्रकाशन

    राजमंगल प्रकाशन बिल्डिंग, 1st स्ट्रीट,

    सांगवान, क्वार्सी, रामघाट रोड,

    अलीगढ़, उप्र. – 202001, भारत

    फ़ोन : +91 - 7017993445

    ——————————————————————-

    First Published : Jan. 2023 - Paperback

    eBook by : Rajmangal ePublishers (Digital Publishing Division)

    Copyright © प्रवीण कोटला

    यह एक काल्पनिक कृति है। नाम, पात्र, व्यवसाय, स्थान और घटनाएँ या तो लेखक की कल्पना के उत्पाद हैं या काल्पनिक तरीके से उपयोग किए जाते हैं। वास्तविक व्यक्तियों, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं से कोई भी समानता विशुद्ध रूप से संयोग है। यह पुस्तक इस शर्त के अधीन बेची जाती है कि इसे प्रकाशक की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी रूप में मुद्रित, प्रसारित-प्रचारित या बिक्रय नहीं किया जा सकेगा। किसी भी परिस्थिति में इस पुस्तक के किसी भी भाग को पुनर्विक्रय के लिए फोटोकॉपी नहीं किया जा सकता है। इस पुस्तक में लेखक द्वारा व्यक्त किए गए विचार के लिए इस पुस्तक के मुद्रक/प्रकाशक/वितरक किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं हैं। सभी विवाद मध्यस्थता के अधीन हैं, किसी भी तरह के कानूनी वाद-विवाद की स्थिति में न्यायालय क्षेत्र अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत ही होगा।

    प्यारे अनुज

    दिवंगत संतोष कोटला

    ( Chef Santosh Kotla)

    के लिए....

    श्रद्धांजलि

    मेरे अनुज, शेफ संतोष कोटला एक पुरुस्कृत भारतीय पेटिसरी शेफ थे, पाक कला के प्रति प्यार उन्हें दुनिया के कई महाद्वीपों में ले गया। संतोष का जन्म विशाखापट्नम में हुआ था। उन्होंने वर्ष 2000 में इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, मुंबई (जिसे दादर कैटरिंग कॉलेज के नाम से भी जाना जाता है) के प्रतिष्ठित यूजी कोर्स के लिए प्रवेश लिया था। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, उन्हें अत्यधिक प्रतिस्पर्धी ताज मैनेजमेंट ट्रेनी प्रोग्रॅम में रखा गया था। ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्होंने हयात इंटरनेशनल और मंदारिन ओरिएंटल ग्रुप जैसे प्रमुख हॉस्पिटैलिटी ब्रांडों के लिए काम किया।

    संतोष को वर्ष 2008 में बहरीन शाही परिवार की निजी पेटीसरी के प्रबंधन का गौरव प्राप्त है। इस भूमिका में, वह शाही परिवार के लिए दैनिक खाना पकाने के लिए जिम्मेदार थे। जब बहरीन ने राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी की, तब वे राजकीय भोज, लंच और डिनर के प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार थे। संतोष 2010 से 2011 तक शेफ विनीत भाटिया के मिशेलिन स्टार रेस्तरां-रसोई में पेस्ट्री शेफ थे। उन्होंने एक साल से कम समय में रेस्तरां बैग को एक प्रतिष्ठित मिशेलिन स्टार और गॉल्ट मिलाउ गाइड में 16/20 अंक हासिल करने में मदद करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई।

    पेटिसरी सलाहकार के रूप में संतोष के काम ने कई रेस्तरां को मीडिया में पहचान बनाने और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित होने में मदद की थी।

    उन्होंने कई पैटिसरी संघटक निर्माताओं के साथ भी काम किया है, ताकि उन्हें शेफ और उद्योग के पेशेवरों तक पहुँचने और उनसे जुड़ने में मदद मिल सके।

    एक प्रसिद्ध पेस्ट्री शेफ होने के बावजूद, शिक्षण संतोष का जुनून था और वह अक्सर इवान वेल्टन फिट्ज़वाटर को उद्धृत करते थे - दुनिया का भविष्य आज मेरी कक्षा में है। उनका मानना ​​था कि नवोदित रसोइयों को सही कौशल, सही ज्ञान और सही दृष्टिकोण प्रदान करना आवश्यक है। इसने उन्हें अपने अल्मा मेटर, आईएचएम मुंबई (2009-10) और शीला रहेजा इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (2014-17) में भी मुंबई में शिक्षण पदों को लेने के लिए प्रेरित किया।

    आखिर में संतोष ज्यूरिख स्थित बैरी कैलेबॉट ग्रुप के मुंबई चॉकलेट एकेडमी सेंटर में हेड चॉकलेटियर थे। वह केंद्र के लिए सभी कार्यों का प्रबंधन करते थे, जिनमें से कुछ पाठ्यक्रम डिजाइन, शेफ प्रशिक्षण और कॉर्पोरेट आयोजनों में दुनिया भर में बैरी कैलेबाउट ब्रांड का प्रतिनिधित्व करते थे।

    संतोष मुंबई में रहते थे और वह उत्साही रसोइयों की मदद करने में सदा प्रसन्न होते थे।

    ७ फरवरी 2020 में ३८ की तरुण उम्र में वह इस जीवन को अलविदा कह कर चल दिए। उन्हें डॉर्क चॉकलेट बहुत पसंद थी, इसलिए शायद हर बार लगता है वह किसी बेकरी क्लास में छात्रों को चॉकलेट की कोई नयी रेसिपी सिखा रहे होंगे।

    फिर से शून्य |

    संतोष

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