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श्री गणेश पूजन की विधियाँ
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श्री गणेश पूजन की विधियाँ
Ebook61 pages22 minutes

श्री गणेश पूजन की विधियाँ

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विघ्नेश्वरं सुरगणपूजितं, मोदकप्रियं पार्वती सुतम ।
हस्तिमुखं लम्बोदरं नमामि शिवपुत्रम गणेश्वरम ॥

विघ्नों के अधिपति, देवताओं के भी आराध्य, मोदक अर्थात लड्डूओं के प्रेमी, जगदम्बा पार्वती के पुत्र, हाथी के समान मुख व लम्बे पेट वाले, भगवान शिव के प्रिय पुत्र गणेश को मैं प्रणाम करता हूं ।

Languageहिन्दी
Release dateAug 21, 2020
ISBN9781005756765
श्री गणेश पूजन की विधियाँ
Author

S Anil Shekhar

Just a common man....

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    श्री गणेश पूजन की विधियाँ - S Anil Shekhar

    विघ्नेश्वर गणपति

    विघ्नेश्वरं सुरगणपूजितं, मोदकप्रियं पार्वती सुतम ।

    हस्तिमुखं लम्बोदरं नमामि शिवपुत्रम गणेश्वरम ॥

    विघ्नों के अधिपति, देवताओं के भी आराध्य, मोदक अर्थात लड्डूओं के प्रेमी, जगदम्बा पार्वती के पुत्र, हाथी के समान मुख व लम्बे पेट वाले, भगवान शिव के प्रिय पुत्र गणेश को मैं प्रणाम करता हूं ।

    जनसामान्य में व्यापक लोकप्रियता रखने वाले इस अद्भुत देवता के गूणों की चर्चा करना लगभग असंभव है। वे गणों के अधिपति हैं तो देवताओं के सम्पूर्ण मण्डल में प्रथम पूज्य भी हैं। बुद्धि कौशल तथा चातुर्य को प्रदान करने वाले है तो कार्य के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने वाले भी हैं। समस्त देव सेना और शिवगणों को पराजित करने वाले हैं, तो दूसरी ओर महाभारत जैसे ग्रंथ के लेखक भी हैं। ऐसे सर्वगुण संपन्न देवता की आराधना न सिर्फ भौतिक जीवन बल्कि आध्यात्मिक जीवन की भी समस्त विध मनोकामनाओं की पूर्ति करने में सक्षम हैं।

    भगवान गणेश की आराधना या साधना उनके तीन स्वरूपों में की जाती है। उनके तीनों स्वरूप, राजसी तामसी तथा सात्विक स्वरूप साधक की इच्ठा तथा क्षमता के अनुसार कार्यसिद्धि प्रदान करते ही हैं।

    भारतीय संस्कृति में जो परंपरा है उसके अनुसार तो प्रत्येक कार्य के प्रारंभ में गणपति का स्मरण किया ही जाता है। यदि नित्य न किया जाये तो भी गणेश चतुर्थी जैसे अवसरों पर तो गृहस्थों को उनका पूजन व ध्यान करना चाहिए।

    व्यापार, सेल्स, मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग जैसे क्षेत्रों में जहां वाकपटुता तथा चातुर्य की नितांत आवश्यकता होती है, वहां गणपति साधना तथा ध्यान विशेष लाभप्रद होता है। भगवती लक्ष्मी को चंचला माना गया है। लक्ष्मी के साथ गणपति का पूजन लक्ष्मी को स्थायित्व प्रदान करता है। इसलिए आप व्यापारी बंधुओं के पास ऐसा संयुक्त चित्र लगा हुआ पायेंगे।

    आगे

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