मजेदार किस्से (अकबर और बीरबल)
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कुछ शब्द
गरज
पानी की बात
मूर्ख बनाना सरल नहीं
आत्मविश्वास
एक सोच
पत
कोई दूसरा नहीं
बीरबल कहाँ मिलेगा
विवाद
पहेलियाँ
गुस्सा
पंडित
तोता
तीन सवाल
जान में जान
गुलाम
गर्दन
चूना
जीत
उतने पैर पसारो
बुलाकर लाओ
बच्चा बना
लेटना
कवि
सही जवाब
खिचड़ी
दाढ़ी में तिनका
लहरें
नौकर कौन
कला
चप्पल
मुलाकात
ईश्वर
अकबर और बीरबल की कहानियां बच्चों और बड़ों दोनों को ही शताब्दियों से आनंदित करती आ रही हैं। ये कहानियां और किस्से किताबों की छपाई शुरू होने से पहले पुरानी पीढ़ी के लोग नयी पीढ़ी को सुनाकर आगे बढ़ा देते थे लेकिन अब ये कहानियां किताबों, पत्रिकाओं, और संकलन के रूप में प्रकाशित होती हैं और करोड़ों बच्चे और बड़े इन कहानियों को पढ़कर आनंदित होते हैं।
अकबर और बीरबल के किस्से सिर्फ हमारे देश में नहीं दुनिया के अन्य कई देशों में भी बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि अब तक इन किस्से और कहानियों का दुनिया की कई अन्य भाषाओँ में भी अनुवाद हो चुका है।
हमारी इस पुस्तक में जो कहानियां हमने आपके समक्ष प्रस्तुत की हैं उन कहानियों को सभी बच्चों को सुनाना माँ बाप का दायित्व ही माना जाना चाहिए क्योंकि इन कहानियों के माध्यम से ज्ञान, बुद्धि, समाज सुधार, अंधविश्वासों, और सामाजिक सम्बन्धो का बहुत सुन्दर और मजेदार चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
आप भी ये कहानियां अपने बच्चों और छोटे भाई बहनो को जरूर पढ़कर सुनाइए या उनको ये किताब डाउनलोड करके पढ़ने के लिए दीजिये।
पुराने ज्ञान को बचाने और उसका प्रसार करने में आपके सहयोग की बहुत ज़रुरत है। हम आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद!
Students' Academy
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मजेदार किस्से (अकबर और बीरबल) - Students' Academy
कुछ शब्द
अकबर और बीरबल की कहानियां बच्चों और बड़ों दोनों को ही शताब्दियों से आनंदित करती आ रही हैं। ये कहानियां और किस्से किताबों की छपाई शुरू होने से पहले पुरानी पीढ़ी के लोग नयी पीढ़ी को सुनाकर आगे बढ़ा देते थे लेकिन अब ये कहानियां किताबों, पत्रिकाओं, और संकलन के रूप में प्रकाशित होती हैं और करोड़ों बच्चे और बड़े इन कहानियों को पढ़कर आनंदित होते हैं।
अकबर और बीरबल के किस्से सिर्फ हमारे देश में नहीं दुनिया के अन्य कई देशों में भी बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि अब तक इन किस्से और कहानियों का दुनिया की कई अन्य भाषाओँ में भी अनुवाद हो चुका है।
हमारी इस पुस्तक में जो कहानियां हमने आपके समक्ष प्रस्तुत की हैं उन कहानियों को सभी बच्चों को सुनाना माँ बाप का दायित्व ही माना जाना चाहिए क्योंकि इन कहानियों के माध्यम से ज्ञान, बुद्धि, समाज सुधार, अंधविश्वासों, और सामाजिक सम्बन्धो का बहुत सुन्दर और मजेदार चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
आप भी ये कहानियां अपने बच्चों और छोटे भाई बहनो को जरूर पढ़कर सुनाइए या उनको ये किताब डाउनलोड करके पढ़ने के लिए दीजिये।
पुराने ज्ञान को बचाने और उसका प्रसार करने में आपके सहयोग की बहुत ज़रुरत है। हम आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद!
Chapter 2
गरज
एक दिन बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में बीरबल से जलने वाले सभी सभासद बीरबल के खिलाफ अकबर के कान भर रहे थे। अकसर ऐसा ही होता था, जब भी बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं होते थे, तभी दरबारियों को मौका मिल जाता था। आज भी ऐसा ही मौका था।
बादशाह के साले मुल्ला दो प्याजा की शह पाए कुछ सभासदों ने कहा-जहांपनाह! आप वास्तव में बीरबल को आवश्यकता से अधिक मान देते हैं, हम लोगों से ज्यादा उन्हें चाहते हैं। आपने उन्हें बहुत सिर चढ़ा रखा है। जबकि जो काम वे करते हैं, वह हम भी कर सकते हैं। मगर आप हमें मौका ही नहीं देते।
बादशाह को बीरबल की बुराई अच्छी नहीं लगती थी, अतः उन्होंने उन चारों की परीक्षा ली-देखो, आज बीरबल तो यहाँ हैं नहीं और मुझे अपने एक सवाल का जवाब चाहिए। यदि तुम लोगों ने मेरे प्रश्न का सही-सही जवाब नहीं दिया तो मैं तुम चारों को फांसी पर चढ़वा दूंगा।
बादशाह की बात सुनकर वे चारों घबरा गए।
उनमें से एक ने हिम्मत करके कहा,प्रश्न बताइए बादशाह सलामत!
संसार में सबसे बड़ी चीज क्या है? और अच्छी तरह सोच-समझ कर जवाब देना वरना मैं कह चुका हूं कि तुम लोगों को फांसी पर चढ़वा दिया जाएगा।
बादशाह अकबर ने कहा,अटपटे जवाब हरगिज नहीं चलेंगे। जवाब एक हो और बिलकुल सही हो।
बादशाह सलामत, हमें कुछ दिनों की मोहलत दी जाए।
उन्होंने सलाह करके कहा।
ठीक है, तुम लोगों को एक सप्ताह का समय देता हूं।
बादशाह ने कहा।
चारों दरबारी चले गए और दरबार से बाहर आकर सोचने लगे कि सबसे बड़ी चीज क्या हो सकती है?
एक दरबारी बोला,मेरी राय में तो अल्लाह से बड़ा कोई नहीं।
अल्लाह कोई चीज नहीं है। कोई दूसरा उत्तर सोचो,
दूसरा बोला।
सबसे बड़ी चीज है भूख जो आदमी से कुछ भी करवा देती है,
तीसरे ने कहा।
नहीं…नहीं, भूख भी बरदाश्त की जा सकती है।
फिर क्या है सबसे बड़ी चीज?
छः दिन बीत गए लेकिन उन्हें कोई उत्तर नहीं सूझा। हार कर वे चारों बीरबल के पास पहुँचे और उसे पूरी घटना कह सुनाई, साथ ही हाथ जोड़कर विनती की कि प्रश्न का उत्तर बता दें।
बीरबल ने मुस्कराकर कहा,मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दूंगा, लेकिन मेरी एक शर्त है।
हमें आपकी हजार शर्तें मंजूर हैं।
चारों ने एक स्वर में कहा,बस आप हमें इस प्रश्न का उत्तर बताकर हमारी जान बख्शी करवाएं। बताइए आपकी क्या शर्त है?
तुम में से दो अपने कन्धों पर मेरी चारपाई रखकर दरबार तक ले चलोगे। एक मेरा हुक्का पकड़ेगा, एक मेरे जूते लेकर चलेगा,
बीरबल ने अपनी शर्त बताते हुए कहा।
यह सुनते ही वे चारों सन्नाटे में आ गए। उन्हें लगा मानो बीरबल ने उनके गाल पर कसकर तमाचा