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काव्य-सुधा: कविता संग्रह
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काव्य-सुधा: कविता संग्रह
Ebook107 pages27 minutes

काव्य-सुधा: कविता संग्रह

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About this ebook

About the book:
बेनूर फ़िज़ा में जो रंग भर रहा हूँ, न पूछो किस दर्द से गुज़र रहा हूँ..


सफ़र के कई मक़ाम छोड़ चले, नहीं मालूम मैं जा किधर रहा हूँ..


महफिल में तोहमत तो खूब मिले, जाने किस इल्ज़ाम से डर रहा हूँ!


एक दस्तक के झूठे इंतज़ार में, थोड़ा चलकर फिर ठहर रहा हूँ..


ये सोचकर कि नया जहां बसाएंगे, कितने ही शाम यूँ बेघर रहा हूँ..


लूटकर तारीफ़ें ज़माने भर से, घुट-घुट कर अंदर से मर रहा हूँ..


न मिटा सका पुराने घाव ज़हन से, तो अपने ही नज़र से उतर रहा हूँ..


बँटा कब काफिला कारवां से? मैं तो सच्चा हम-सफ़र रहा हूँ..


हिम्मत तो नेमत में मिली हो जैसे, यूँ ही नहीं हार से बे-असर रहा हूँ..


मंज़िल अब भी दूर है तो क्या? क्या मैं कोशिश नहीं कर रहा हूँ?


बदल गए हैं मायने दुनिया के और, मैं एक उम्र से शायद बेखबर रहा हूँ..


तलाश की बेताबी खत्म होती नहीं, कैसे कहूं बेचैन किस क़दर रहा हूँ?
About the author:
वैष्णवी एक प्रतिबद्ध लेखिका, कवयित्री और शिक्षाविद हैं, जो अपने लेखों में कल्पना के लिए जानी जाती हैं। उनकी मुख्यधारा अंग्रेजी है, जबकि वह हिंदी/उर्दू/मराठी साहित्य के लिए स्वयं को नौसिखिया मानती हैं। पूर्वी महाराष्ट्र की रहने वाली, वह पेशेवर रूप से एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं और उनकी रचनाएँ मुख्य रूप से तनावपूर्ण संबंधों या आशावाद और प्रकृति के परीक्षणों और मानवी संघर्ष पर केंद्रित हैं। वह एक शौकीन पाठक है और कॉफी और संगीत की प्रशंसक हैं। हालांकि, ग्रेड दो से लेखन से जुड़ी होने के कारण, लेखन के साथ उनका पेशेवर सफ़र 2020 में शुरू हुआ और अब तक, उन्होंने कई भाषाओं में 70+ एंथोलॉजी का सह-लेखन किया है। वैष्णवी को उनके इंस्टाग्राम हैंडल @mianamica पर या उनकी पत्रिकाओं में जटिल कहानी प्लॉट बुनते हुए पाया जा सकता है।

Languageहिन्दी
PublisherPencil
Release dateJun 13, 2022
ISBN9789356106246
काव्य-सुधा: कविता संग्रह

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    Book preview

    काव्य-सुधा - वैष्णवी चारी

    काव्य-सुधा

    कविता संग्रह

    BY

    वैष्णवी चारी


    pencil-logo

    ISBN 9789356106246

    © Vaishnavi Chari 2022

    Published in India 2022 by Pencil

    A brand of

    One Point Six Technologies Pvt. Ltd.

    123, Building J2, Shram Seva Premises,

    Wadala Truck Terminal, Wadala (E)

    Mumbai 400037, Maharashtra, INDIA

    E connect@thepencilapp.com

    W www.thepencilapp.com

    All rights reserved worldwide

    No part of this publication may be reproduced, stored in or introduced into a retrieval system, or transmitted, in any form, or by any means (electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise), without the prior written permission of the Publisher. Any person who commits an unauthorized act in relation to this publication can be liable to criminal prosecution and civil claims for damages.

    DISCLAIMER: The opinions expressed in this book are those of the authors and do not purport to reflect the views of the Publisher.

    Author biography

    वैष्णवी एक प्रतिबद्ध लेखिका, कवयित्री और शिक्षाविद हैं, जो अपने लेखों में कल्पना के लिए जानी जाती हैं। उनकी मुख्यधारा अंग्रेजी है, जबकि वह हिंदी/उर्दू/मराठी साहित्य के लिए स्वयं को नौसिखिया मानती हैं। पूर्वी महाराष्ट्र की रहने वाली, वह पेशेवर रूप से एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं और उनकी रचनाएँ मुख्य रूप से तनावपूर्ण संबंधों या आशावाद और प्रकृति के परीक्षणों और मानवी संघर्ष पर केंद्रित हैं। वह एक शौकीन पाठक है और कॉफी और संगीत की प्रशंसक हैं। हालांकि, ग्रेड दो से लेखन से जुड़ी होने के कारण, लेखन के साथ उनका पेशेवर सफ़र 2020 में शुरू हुआ और अब तक, उन्होंने कई भाषाओं में 80+ एंथोलॉजी का सह-लेखन किया है। साथ ही उन्होंने दो किताबों का लेखन किया है - 'Letters Souvenired और Star-crossed Lavenders. वैष्णवी को उनके इंस्टाग्राम हैंडल @mianamica पर या उनकी पत्रिकाओं में जटिल कहानी प्लॉट बुनते हुए पाया जा सकता है।

    Contents

    नवदुर्गा

    ॥ अथ प्रारंभम् ॥

    आशा

    ख़ता

    कुछ यूं भी..

    'क्या बताएं हम क्यों लिखते हैं'

    भीम प्रतिज्ञा

    संस्कृति

    दुःस्वप्न

    कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं

    मैं....नारी !!

    चाय और प्याज़ के पकौड़े

    कामयाबी

    प्रलय-पूर्व-असुरवाणी

    मेरी मन्नत थी वो अधूरी रह गई

    जीवन

    अरसा हो गया

    मेरे घर भी आया कर..!

    प्रथम संवाद

    फिर से दिल टूट गया"

    इज़हार

    ॥ अंजाम ॥

    तल्खियां

    धीरे-धीरे

    'बस यूं ही..!'

    तुम

    बहुत

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