Vyaktitav Vikas Evam Adhyatm: Manovigyan Ki Drushti Me
()
About this ebook
Prastut pustak meen aapaka vyaktitv vikaas kee 7 aadhyaatmik niyam manoovijnaan kee drshti meen ... Kee vishay meen vistaarapuurvak carca kee gaee hai.(Personality of a person plays a prominent role in his success or otherwise. People want to polish their personality in order to be successful in society. The book explains different aspects of personality such as body language, mental health, concepts of adjustment, fantasy, day dreaming, etc and means to enhance them. ) #v&spublishers
Read more from Arun Sagar‘Anand’
Apna Mulaank Janen: Mulank Dwara Bhavishya Gyat Karane Ki Vidhi Janen Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPersonality: Apane Vyaktitva Ko Janen Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPriksha Main Awwal Kaise Aayen?: Merit Mai Aane Hetu Mahatvapudh Tips Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related to Vyaktitav Vikas Evam Adhyatm
Related ebooks
Hinduon Ke Vrat: Pratyek Vrat Ki Dharmik Prushthbhumi, Uski Mahtta Evam Pooja Ke Vidhi-Vidhan Sahit Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsVaivahik Jeevan Ki Samasya: Pati-Patni Ke Sambandho Mai Aayi Kawahat Dur Karane Hetu Upyogi Pustak Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSex Ke Rang: Ratikriya ke antarang roop Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsडाइट विधि कुकबुक हिंदी में/ Diet Recipe Cookbook in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsCOMPREHENSIVE COMPUTER LEARNING (CCL) (Hindi) Rating: 5 out of 5 stars5/5Science Quiz Book (Hindi): Testing your knowledge while entertaining yourself, in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsGhar Baithe Saundarya Upchar: Quick guide to prepare natural beauty products at home to appear attractive Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMAGIC FOR CHILDREN (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAjibogarib Tathya: Unusual facts that will surprise you Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsहृदय की देह पर Rating: 5 out of 5 stars5/5New Modern Cookery Book (Hindi): Crisp guide to prepare delicious recipes from across the world, in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratings101 Hit Bhajno Ki Swar-Lipiya: Lyrics of popular devotional songs in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJaishankar Prasad Kavita Sangrah : Laher - (जय शंकर प्रसाद (कविता संग्रह): लहर) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsNEW LADIES HEALTH GUIDE (Hindi) Rating: 5 out of 5 stars5/5Diabetes Control: How to keep Diabetes within managing limits Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBHARAT KI PRATHAM MAHILAYEIN (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsKya Karen Jab Maa Banana Chahen - (क्या करे जब मां बनना चाहें) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings108 Investment Mantras in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSAHAS AUR AATMAVISHWAS Rating: 5 out of 5 stars5/5Aane Wale Kal Ki Kahaniyan Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDRAWING CARTOONS (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBachho Ko Bigadne Se Kaise Roke: Psychological ways to Keeping children disciplined in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsशाकाहारी धीमी आंच पर कुकर व्यंजनों की किताब हिंदी में/ Vegetarian Slow Heat cooker recipes Book in hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsYogashan Aur Swasthya Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsऔर गंगा बहती रही Aur Ganga Bahti Rahi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsतैयारी जीत की: Motivational, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBhagwad Geeta (Part-2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDr. Bhimrao Ambedkar - (डॉ. भीमराव अम्बेडकर) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAahuti (Hindi) Rating: 5 out of 5 stars5/5
Reviews for Vyaktitav Vikas Evam Adhyatm
0 ratings0 reviews
Book preview
Vyaktitav Vikas Evam Adhyatm - Arun Sagar‘Anand’
प्रकाशक
F-2/16, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002
Ph. No. 23240026, 23240027• फैक्स: 011-23240028
E-mail: info@vspublishers.com Website: https://vspublishers.com
Online Brandstore: https://amazon.in/vspublishers
शाखाः हैदराबाद
5-1-707/1, ब्रिज भवन (सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया लेन के पास)
बैंक स्ट्रीट, कोटी, हैदराबाद-500 095
Ph. No 040-24737290
E-mail: vspublishershyd@gmail.com
शाखा: मुम्बई
जयवंत इंडस्ट्रिअल इस्टेट, 1st फ्लोर-108, तारदेव रोड
अपोजिट सोबो सेन्ट्रल, मुम्बई - 400 034
Phone No.:- 022-23510736
E-mail: vspublishersmum@gmail.com
फ़ॅालो करें
*
Icon Description automatically generated https://www.facebook.com/vspublishers
Icon Description automatically generated https://linkedin.com/company/1819054/admin/
A picture containing gear Description automatically generated https://twitter.com/vspublishers
A picture containing gauge Description automatically generated https://www.youtube.com/user/vspublishes/videos
Icon Description automatically generated https://instagram.com/vandspublishers/
*
© कॉपीराइट: वी एण्ड एस पब्लिशर्स
ISBN 978-93-505770-9-7
संस्करण 2021
DISCLAIMER
इस पुस्तक में सटीक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया गया है। पुस्तक में संभावित त्रुटियों के लिए लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे। पुस्तक में प्रदान की गयी पाठ्य सामग्रियों की व्यापकता या सम्पूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार की वारंटी नहीं देते हैं।
पुस्तक में प्रदान की गयी सभी सामग्रियों को व्यावसायिक मार्गदर्शन के तहत सरल बनाया गया है। किसी भी प्रकार के उद्धरण या अतिरिक्त जानकारी के स्रोत के रूप में किसी संगठन या वेबसाइट के उल्लेखों का लेखक या प्रकाशक समर्थन नहीं करता है। यह भी संभव है कि पुस्तक के प्रकाशन के दौरान उद्धृत बेवसाइट हटा दी गयी हो। इस पुस्तक में उल्लिखित विशेषज्ञ के राय का उपयोग करने का परिणाम लेखक और प्रकाशक के नियंत्रण से हटकर पाठक की परिस्थितियों और कारकों पर पूरी तरह निर्भर करेगा।
पुस्तक में दिये गये विचारों को आजमाने से पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है। पाठक पुस्तक को पढ़ने से उत्पन्न कारकों के लिए पाठक स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार समझा जायेगा।
उचित मार्गदर्शन के लिए पुस्तक को माता-पिता एवं अभिभावक की निगरानी में पढ़ने की सलाह दी जाती है। इस पुस्तक के खरीददार स्वयं इसमें दिये गये सामग्रियों और जानकारी के उपयोग के लिए सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं। इस पुस्तक की सम्पूर्ण सामग्री का कॉपीराइट लेखक / प्रकाशक के पास रहेगा। कवर डिजाइन, टेक्स्ट या चित्रों का किसी भी प्रकार का उल्लंघन किसी इकाई द्वारा किसी भी रूप में कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा और इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार समझा जायेगा।
मुद्रक : परम ऑफसेटर्स, ओखला, नयी दिल्ली- 110020
प्रकाशकीय
प्रत्येक प्रकाशक की इच्छा होती है कि अधिक से अधिक पाठक उनकी पुस्तकों को पढ़ें। वी एण्ड एस पब्लिशर्स अधिक टाइटल्स छापने की प्रतिस्पर्धा में शामिल होना नहीं चाहता। कारण यह है कि किसी भी पुस्तक को छापने से पहले हम खूब विचार-विमर्श करते हैं तथा यह निश्चित करना चाहते है कि पुस्तक समाज में प्रेरणा का आधार बने।
हमारी अधिकांश पुस्तकें जनरुचि और समय की माँग के अनुरूप होती हैं। शोध के आधार पर हमने महसूस किया कि अब पाठकों को आवश्यकता है सरल एवं सटीक पुस्तकों की जो सही जानकारी से परिपूर्ण हो। किन्तु इसका दुःखद पहलू यह है कि राष्ट्रभाषा हिन्दी में ऐसी पुस्तकों का प्रायः अभाव है। जीवनोपयोगी पुस्तकें प्रायः अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध हैं, जिससे आबादी का बहुमत भाग इस प्रकार की पुस्तकें पढ़ने से वंचित रह जाता है और इससे वंचित हो जाना उनके जीवन में कठिनाई का कारण बन जाता है। प्रत्येक व्यक्ति की अपने व्यक्तित्व को निखारने की लालसा व बाजार में इस विषय पर उत्कृष्ट पुस्तकों के अभाव ने हमें 'व्यक्तित्व विकास एवं अध्यात्म मनोविज्ञान की दृष्टि में पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए प्रेरित किया।
प्रस्तुत पुस्तक एक सरल एवं आधुनिक कोर्स है। पुस्तक के प्रत्येक भाग लेखन सामान्य व्यक्ति के सामर्थ्य और समय के अनुसार किया गया है जिससे उसके मस्तिष्क में स्थायी छवि बन सके और सम्पूर्ण आत्मविकास में सहायक हो सके। यह पुस्तक आपको समाज में परिपक्व पहचान बनाने में पूर्णरूप से सहयोग करेगी और जीवन में भागीदार बनेगी।
इस पुस्तक का लेखन व सम्पादन जानकार विशेषज्ञों द्वारा किया गया है। यथा सम्भव प्रयास किया गया है कि पुस्तक में कहीं कोई गलती न रह गयी हो, फिर भी यदि कोई त्रुटि रह गयी हो तो अपने सुझाव सहित हमें अवगत अवश्य कराएँ।
सूचना
सभी पाठकों को विनम्र रूप से यह सूचित किया जा रहा है कि पुस्तक में दी गयी विषय-वस्तु को शत्-प्रतिशत पत्थर की लकीर की भाँति न मानें। लेखक एवं प्रकाशक के सम्पूर्ण प्रयासों एवं विशेषज्ञों के सलाह के अनुसार पुस्तक का लेखन किया गया है, परन्तु पुस्तक में दी गयी सूचना के गलत प्रयोग या व्याख्या के लिए पाठक स्वयं ही जिम्मेदार होंगे।
पाठकों से एक विनम्र निवेदन यह है कि पुस्तक में दिये गये सलाह या उपाय लेखक के अपने व्यक्तिगत अनुभव एवं विचार हैं। इसके लिए न तो लेखक, न तो प्रकाशक को जिम्मेदार ठहराया जाये। पुस्तक आपके व्यक्तित्व विकास में सहयोग अवश्य करेगी किन्तु इसे रामबाण न समझें। यह एक मनोवैज्ञानिक पहलू है जो अलग-अलग लोगों पर अलग–अलग ढंग से प्रभाव डालेगा। आवश्यकतानुसार किसी व्यावसायिक विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
-प्रकाशक
विषय-सूची
कवर
मुखपृष्ठ
प्रकाशक
प्रकाशकीय
सूचना
विषय-सूची
भाग-1 व्यक्तित्व विकास के 7 आध्यात्मिक नियम
लेन-देन का नियम
कर्म का नियम
कम प्रयास का नियम
विरक्ति का नियम
धर्म का नियम
निष्काम प्रेम प्राप्ति का नियम
ध्यान अथवा चिन्तन का नियम
भाग-2 क्या कहता है मनोविज्ञान व्यक्तित्व के बारे में
मानसिक स्वास्थ्य एवं समायोजन ( Mental Health and Adjustment)
मानसिक स्वास्थ्य के सिद्धान्त (Principles of Mental Health)
समायोजन की अवधारणा (Concept of Adjustment)
समायोजन के क्षेत्र (Spheres of Adjustment)
रक्षात्मक युक्तियाँ या मनोरचनाएँ (Defence or Mental Mechanism)
कल्पना प्रवाह एवं दिवास्वप्न (Fantasy and Day Dreaming)
समाज विरोधी व्यक्तित्व (Anti-social Personality)
और अन्त में...
भाग-1 व्यक्तित्व विकास के 7 आध्यात्मिक नियम
1
व्यक्तित्व विकास में आध्यात्मिकता की अहम भूमिका होती है। जब हम आध्यात्मिक दृष्टि से अपना सूक्ष्म अवकोलन करते हैं, तो हमें हमारी असली तस्वीर दिखायी देने लगती है, जो हमारे गुण-दोषों को भी हमारे सामने रख देती है। जब हम अपने गुणों को जान लेते हैं, तब हम अपनी शक्तियों को सही दिशा में लगा पाने में सफल हो जाते हैं। जब हम अपने अवगुणों को जान लेते हैं, तो हम उनसे मुक्ति पाने के सशक्त उपाय करते हैं।
आध्यात्मिकता का एक अन्य महत्त्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इसके द्वारा हमें ईश्वर की सत्ता का भी बोध होता है। हममें श्रद्धा और विश्वास उत्पन्न होता है। श्रद्धा से जहाँ विनम्रता उत्पन्न होती है, वहीं विश्वास से आत्मबल जन्म लेता है, जो हमारे भावात्मक पक्ष को मज़बूत बनाता हैं, जिससे व्यक्तित्व विकास में सहायता मिलती है।
आध्यात्मिकता द्वारा हम अपने गुण-दोषों का सूक्ष्म निरीक्षण कैसे करें और कैसे इन्हें अपने सामने लाए, इसके लिए हमें आध्यात्मिकता के 7 नियमों का पालन करना पड़ेगा। ये नियम हैं-
लेन-देन का नियम
कर्म का नियम
कम प्रयास का नियम
विरक्ति का नियम
धर्म का नियम
निष्काम प्रेम प्राप्ति का नियम
ध्यान अथवा चिन्तन का नियम
इन नियमों का पालन करके हम अपना सूक्ष्म निरीक्षण कर सकते हैं। कैसे? आइए जानते हैं। व्यक्तित्व विकास का पहला नियम है-
लेन-देन का नियम
कई शताब्दियों से मनुष्य इस बात को समझ चुका है कि उसका सामाजिक जीवन आदान-प्रदान यानि कि लेन-देन के नियम पर आधारित है। उसे उसके अनुभव ने सिखाया है कि जीवन को इसी शर्त पर निभाया जा सकता है कि प्रत्येक व्यक्ति को लेना और देना पड़ता है और यह जीवन के प्रत्येक स्तर पर लागू होता है- भौतिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक। यह लेन-देन का नियम ही 'न्याय' कहलाता है। आप अपने लिए