पहाड़ी बघल्याणी १
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दुनियाँ ते न्यारा
सारी दुनियाँ ते न्यारा।
अए हिमाचल म्हारा।।
प्रिय दर्शनी इंदिरा
...
इंदिरा तू औरत नहीं शेर थी।
कायर नहीं पर दिलेर भी।।
...
घुटी-घुटी की आओ थी राजनितीदारी चाल।
तू नेहरू री बेटी नी थी एक लाल।।
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पहाड़ी बघल्याणी १ - Shyaam Laal Gautam "Kaviraaj"
प्रकाशित सामग्री

va all2.pngम्हारा हिमाचल (पहाड़ी काव्य संग्रह) के अतिरिक्त पंच जगत, हिमभारती, हिमाचल जनता, हिमाचल पोस्ट, इत्यादि पत्रिकाओं एवम् दैनिक पत्रों में समय-समय पर प्रकाशित पहाड़ी काव्य-रचनाएँ।
अन्य उपलब्धियाँ

va all2.pngपचास के दशक के प्रारम्भ में खड़ी बोली में कविताएँ लिखनी प्रारंभ की। 'कालान्तर में अर्थात् साठ के प्रारंभ में पहाड़ी की और प्रवृत हुआ। सन् सत्तर के प्रारम्भ में आकाशवाणी शिमला तथा भाषा-कला एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से पहाड़ी कविता का प्रसारण किया तथा राज्यस्तरीय पहाड़ी कवि गोष्ठियों/सम्मेलनों में पहाड़ी कविता के दिगज्जों से परिचय के बाद एक नवीन अनुभव की प्राप्ति हुई। नब्बे के दशक के प्रारम्भ से जलन्धर दूरदर्शन के आमन्त्रण पर समय-समय पर हिम-कलश कार्यक्रम में हि. प्र. का प्रतिनिधित्व किया।
दुनियाँ ते न्यारा

va all1.png…
सारी दुनियाँ ते न्यारा।
अए हिमाचल म्हारा।।
…
बर्फे की ढकी जाओ जेबे उच्ची-२ धारा ।
तेबे देखणे खे लगो ए हिमाचल प्यारा।।
…
एथोरिया नदिया दिन रात बैन्दिया।
दूर जाई मैदाना खे पाणी देंदिया।।
…
अए स्वर्गोरा तारा ये हिमाचल म्हारा।
सारी दुनियाँ ते न्यारा अए हिमाचल म्हारा।।
…
एतीरे लोक कमाई करी खाओ।
सुखी-दुखी दिन आसी की बिताओ।।
…
कामो दे लगी रओ दिन रात सारा।
सारी दुनियाँ ते न्यारा अए हिमाचल म्हारा ।।
…
घणे-2 जंगला दे बसीरा हिमाचल।
परदेशिया रा दिल लगो देखणे खे पल-२।।
…
गर्मी दे बदी जाओ एथोरी बहारा।
सारी दुनियाँ ते न्यारा अए हिमाचल म्हारा।।
…
पहाड़ी अए बोली म्हारी हिन्दी अए भाषा।
करी लणा ऐतरा प्रचार सारे एवे आसा।।
…
मिली जुली करी लणा काम कार सारा।
सारी दुनियाँ ते न्यारा अए हिमाचल म्हारा।।
- कविराज

va all2.pngमहंगाई

va all1.png….
बोलो ए लोक एबे आसे केई जाईए।
खाई दिते आसे ऐसे महंगाईये।।
…
न लुण रया सस्ता न तेल।
सबी चिजा रे बड़ी गए सकेल।।
…
सबी चिजा रे पाओ चड़ी गए आसमाणे।
बोलो एबे यो गरीब कई जाणे।।
…
केथी ज्यादा वर्षों ए केथी ए कम।
एता गला रा अए म्हारे जिऊएदे गम।।
…
बड़ी चिन्ता दे एओ राती प्याईया।
कामे नी म्हारी मेहनता आईया।।
…
क्या खाईए और क्या बचाईए।
रोणा पड़ोए ऐबे आपणी कमाईए।।
…
बोलो ए लोक ऐबे केई जाईये।
खाई दिते आसे ऐबे महंगाईये।।
…
सब्जी भी महंगीए, महंगीए दाल।
बिना पैसे खरीदणेरी अए हड़ताल।।
…
आटा