Church Elders (Hindi): How to Shepherd God's People Like Jesus
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About this ebook
What does effective church leadership look like?
In this conversational book, pastor Jeramie Rinne sets forth an easy-to-understand “job description” for elders drawn from the Bible’s teaching on church leadership.
Offering practical guidance for new elders and helping church members better understand and support th
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Book preview
Church Elders (Hindi) - Jeramie Rinne
BUILDING HEALTHY CHURCHES
CHURCH ELDERS-Hindi
कलीसिया के प्राचीन
जेरेमी रायनी
‘‘आत्मा के अन्य वरदानों के समान ही नेतृत्व भी मसीह की देह की उन्नति के लिए है। पौलुस ने तीतुस को स्पष्ट शब्द में बताया कि जब तक उचित अगुवा नियुक्त न हो, तब तक कलीसिया की गतिविधीयों में व्यवस्था नहीं होगी। कलीसियार्इ जीवन की अधिकतर अनसुलझी समस्याओं का कारण नेतृत्व में कमी के रूप में देखा जाता है। जेरेमी रिन नवीनता और स्पष्टता के साथ जो अत्यंत सहायक है, विश्लेषण करते हैं कि बाइबल स्थानीय कलीसियार्इ प्राचीन की पहचान और कार्य के विषय में क्या कहती है। यह ऐसी पुस्तक है जो प्राचीन उनके लाभ के लिए उसे एक साथ मिलकर पढ़ सकते हैं और यह पुस्तक मण्डली की सहायता करेगी कि वे अपने अगुवे के लिए प्रार्थना करें और उनकी सहायता करें ताकि उनका कार्य आनंदमय हो और बोझ न हो।"
एलीस्टर बेग, वरिष्ठ पासबान, पार्क साइड चर्च, क्लीव्ह लैंड, ओहिओ।
जेरेमी रायनी साबित करते हैं कि कलीसियार्इ प्राचीनों के पद और सेवकार्इ के विषय में विस्तार से और संक्षेप में भी लिखना संभव है। और यह पुस्तक कितनी अनमोल है! मैंने यह पुस्तक न केवल शिक्षाप्रद पार्इ है, बल्कि एक पासबान के रूप में यीशु के प्रति और इस अर्थ से उसकी कलीसिया के प्रति मेरे प्रेम में मेरे लिए भक्तिपरक और सहायक है। इस विषय पर दूसरी किसी पुस्तक के विषय में सोचना मेरे लिए कठीन है जो इतनी सहजता से दूसरों को सिखार्इ जा सकती है।
जेरेड सी विल्सन, पास्टर मिडल टाउन स्प्रींग्स चर्च, एवं गॉस्पेल वैकफुलनेस और पास्टर्स जस्टिफिकेशन के लेखक
क्या आप आपकी कलीसियार्इ में उन्नति प्राप्त, भक्तिमान और परिपक्व लोगों के समूह को देखना चाहते हैं जो शिष्य बनाने हेतु मण्डली की निगेहबानी करने, सिखाने, और उन्हें प्रशिक्षण देने हेतु पूर्णकालीन पासबान के साथ काम कर सकते हैं? बाइबल की दृष्टि से कुशलतापूर्वक, बुद्धिमानीपूर्वक, और गर्मजोशी के साथ लिखी गर्इ यह छोटी-सी पुस्तक कलीसिया की सेवकार्इ और उसके नेतृत्व के मुख्य रूप से सहशासन स्वरूप के संबंध में है। ‘प्राचीनों’ को कैसे नियुक्त करना चाहिए, संगठित करना चाहिए, या उन्हें कैसे स्थापित करना चाहिए इस विषय में आपका दृष्टिकोन चाहे जो हो, आप यहां चुनौती, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन देने लायक बहुत कुछ पाएंगे।
टोनी पेनी, प्रकाशन संचालक, मत्थियास मीडिया, सहलेखक, द ट्रेलिस अॅण्ड द वार्इन
9Marks: Building Healthy Churches
Edited by Mark Dever and Jonathan Leeman
Expositional Preaching: How We Speak God’s Word Today, David Helm
Sound Doctrine: How a Church Grows in the Love and Holiness of God, Bobby Jamieson
The Gospel: How the Church Portrays the Beauty of Christ, Ray Ortlund
Evangelism: How the Whole Church Speaks of Jesus, J. Mack Stiles
Church Membership: How the World Knows Who Represents Jesus, Jonathan Leeman
Church Discipline: How the Church Protects the Name of Jesus, Jonathan Leeman
Church Elders: How to Shepherd God’s People Like Jesus, Jeramie Rinne
Church Elders: How to Shepherd God’s People Like Jesus
Copyright © 2014 by Jeramie Rinne
Published by Crossway1300 Crescent StreetWheaton, Illinois 60187
All rights reserved. No part of this publication may be reproduced, stored in a retrieval system, or transmitted in any form by any means, electronic, mechanical, photocopy, recording, or otherwise, without the prior permission of the publisher, except as provided for by USA copyright law.
Cover design: Dual Identity inc.
Cover image(s): Wayne Brezinka for brezinkadesign.com
First printing 2014
Printed in the United States of America
Unless otherwise indicated, Scripture quotations are from The Holman Christian Standard Bible®. Copyright © 1999, 2000, 2002, 2003 by Holman Bible Publishers. Used by permission.
Scripture quotations marked esv are from the ESV® Bible (The Holy Bible, English Standard Version®), copyright © 2001 by Crossway. 2011 Text Edition. Used by permission. All rights reserved.
Scripture quotations marked kjv are from the King James Version of the Bible.
All emphases in Scripture quotations have been added by the author.
Trade paperback ISBN: 978-1-4335-4087-5 ePub ISBN: 978-1-4335-4090-5 PDF ISBN: 978-1-4335-4088-2 Mobipocket ISBN: 978-1-4335-4089-9
Library of Congress Cataloging-in-Publication Data
Rinne, Jeramie, 1970–
Church Elders : how to shepherd God’s people like Jesus / Jeramie Rinne.
Copyright (© 2016) Translated and Published in Hindi by
Alethia Publications Chandra Niwas Building, Bitco Point, Nashik Road 422101, Maharashtra and 9Marks
alethiapublications@gmail.com
Translated by Samir B Salve
विषय-सूची
श्रृंखला आमुख
परिचय 13
1. अनुमान न लगाएं
2. भेड़ों जैसी गंध
3. वचन परोसें
4. भटके हुओं का पता लगाना
5. प्रभुता न करते हुए अगुवार्इ करना
6. एक साथ मिलकर चरवाहे के रूप में सेवा करें
7. आदर्श परिपक्वता
8. झुण्ड के लिए बिनती करें
समापन
टिप्पणीयां
श्रृंखला आमुख
क्या आप मानते हैं कि एक स्वस्थ कलीसिया बनाना आपकी जिम्मेदारी है? अगर आप एक मसीही हैं तो हम समझते हैं कि यह आप की जिम्मेदारी है।
यीशु आप को शिष्य बनाने की आज्ञा देते हैं (मत्ती 28 :18-20)। यहूदा आप को विश्वास में बने रहने की आज्ञा देता है (यहूदा 20-21)। पतरस आप को आप के वरदानों द्वारा दूसरों की सेवा किये जाने के लिए कहता है (1 पतरस 4:10)। पौलुस आप को प्रेम में सत्य बोलने के लिये कहता है ताकि आप की कलीसिया का पूर्ण विकास हो सके (इफिसियों 4:13, 15)। क्या आप जानते हैं कि इन सब के बीच हमारा स्थान कहां है?
चाहे आप कलीसिया के सदस्य या अगुवे हों, स्वस्थ कलीसियाओं का निर्माण करने वाली इन पुस्तकों की श्रृंखला का उद~देश्य बाइबल की इन आज्ञाओं को पूर्ण करने में आप की सहायता करना है ताकि आप ऐसे चर्च के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वाह कर सकें। कहने का दूसरा तरीका यह हो सकता है कि हम आशा करते हैं कि जैसे यीशु आप की कलीसिया से प्रेम रखते हैं, ये पुस्तकें कलीसिया के प्रति वैसा ही प्रेम रखने में आप की सहायता करेंगी।
9मार्कस् प्रकाशन की योजना है कि एक स्वस्थ कलीसिया के जो 9 चिन्ह होते हैं उनमें से प्रत्येक के उपर एक लघु व पठनीय पुस्तक और साथ ही ठोस सिद्वांतों के उपर भी एक पुस्तक तैयार करे। व्याख्यात्मक प्रचार वाली पुस्तकें, बाइबल के धर्मसिद्धांत, कलीसिया की सदस्यता, कलीसियार्इ अनुशासन, शिष्यता और उसमें बढ़ना व कलीसिया की अगुवार्इ इत्यादि विषयों की पुस्तकों की ओर देखते रहिये।
स्थानीय कलीसिया इसलिये अस्तित्व में हैं कि वे देश-देश के लोगों को परमेश्वर की महिमा प्रगट करें। हम यीशु मसीह के सुसमाचार की ओर आंखे लगाने के द्वारा, उनसे उद्धार मिलने की आशा के द्वारा, परमेश्वर की पवित्रता, एकता और प्रेम में होकर एक दूसरे से प्रेम रखने के द्वारा उनकी महिमा प्रगट कर सकते हैं। हम प्रार्थना करते हैं जो पुस्तक आप के हाथ में हैं, वह आप की सहायता करेगी।
इसी आशा के साथ,
मार्क डिवर एवं जोनाथन लीमैन
श्रृंखला संपादक
परिचय
मैं प्राचीन हूं। अब क्या?
कर्इ पासबान पासबान की सेवकार्इ के विषय में मुझे सेमिनरी में जो नहीं बताया
नामक पुस्तक लिख सकते हैं। उस पुस्तक में संभवत: कुछ दुखभरे, बोझिल अध्याय होंगे, जैसे कुरूप व्यापार सभा
से कैसे बचेेें या तीन साल के बच्चे के मृत संस्कार में क्या कहें।
पासबान की सेवकार्इ में क्लेश, निराशा और दिल टूटने के स्वरूप हैं, जिसके लिए कोर्इ स्कूल मनुष्य को तैयार नहीं कर सकती।
परंतु सेवकार्इ में सुखद अचंभा भी होता है। सेमिनरी में किसी ने मुझे यह नहीं बताया कि मैं अपनी मण्डली से प्यार करने लगूंगा या मैं लोगों के जीवनों में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता और सुसमाचार की सामर्थ देखने के लिए आगे की कतार मैं बैठूंगा।
किसी ने मुझे उस आनंद और सन्तुष्टि के विषय में नहीं बताया जो अयाजकीय प्राचीनों के साथ काम करने से मुझे मिलेगा।
मैं अयाजकीय प्राचीनों से प्रेम करता हूंं।¹ मैं उन लोगों का आदर करता हूं जो, काम में व्यस्त होने और पारीवारिक जीवन में व्यस्त होने के बावजूद, अपनी स्थानीय कलीसिया की अगुवार्इ करने हेतु समय और पैसों का त्याग करते हैं, आंसू बहाते हैं और प्रार्थना करते हैं। मैं उन्हें चुनौतियों के साथ लड़ते हुए देखना, गलती करते हुए, और उस प्रक्रिया में परिपक्व होते हुए देखना पसंद करता हूं। यह बारह चेलों के साथ घूमने (के साथ रहने) के समान है : सामान्य, दोषपूर्ण लोग जो परमेश्वर के अनुग्रह से असाधारण बुलाहट पूरी करते हैं। मेरी मण्डली के प्राचीन मेरे लिए भाइयों का एक दल हैं, मैं अपने साथी चरवाहों के बगैर सेवकार्इ करने की कल्पना भी नहीं कर सकता।
मैं दूसरे कारण से भी प्राचीनों से प्रेम करता हूं : परमेश्वर की कलीसियाओं को चलाने के लिए वे परमेश्वर की योजना हैं। परमेश्वर ने हमेशा अपने लोगों के लिए चरवाहे दिए हैं। उसने इस्राएल को मूसा, शमूएल और न्यायी दिए। उसने इस्राएल के सर्वोत्कृष्ट चरवाहे को खड़ा किया, राजा दाऊद। और फिर भी ये सब लोग, जिसमें दाऊद भी शामिल है किसी न किसी रीति से असफल हो गए। दाऊद के बाद आने वाले राजा लगातार परमेश्वर के झुण्ड को मूर्तिपूजा और अन्याय की ओर ले गए। और इसलिए भविष्यद्वक्ता एक आने वाले चरवाह के विषय में, नए दाऊद
के विषय में बोलने लगे (उदाहरण के तौर पर, यशायाह 9:1-7; यहेजकेल 34:20-24)।
परमेश्वर ने दाऊद के पुत्र यीशु को भेजकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी की, वह उत्तम चरवाहा जिसने भेड़ों के लिए प्राण दिया और फिर जी उठा। परंतु वह यहीं पर नहीं रूक गया। यीशु ने अपने लौट आने तक अपनी भेड़ों की रखवाली करने के लिए अपने अधीन कार्य करने वाले चरवाहों के रूप में प्रेरितों और प्राचीनों को दिया (इफिसियों 4:7-13; 1 पतरस 5:1-4)। प्राचीन यीशु की कलीसियाओं की रखवाली करने वाले उसके सहकर्मी हैं।
धर्मी, नेकनियत, और... उलझन भरे
मैं इन कारणों से प्राचीनों को पसंद करता हूं, परंतु मैंने लगातार एक समस्या देखी है। भले ही प्राचीन विशिष्ट तौर पर धर्मी और नेकनियत हैं, परंतु फिर भी अक्सर वे प्राचीन होना क्या है इस विषय में उलझन में होते हैं। उन्हें क्या करना है इस विषय में उनके पास हमेशा ही पूर्ण समझ नहीं होती। और सच पूछे तो, हम वेतनभोगी पासबान अक्सर उनकी उलझन या व्याकुलता में भागी होते हैं।
परिणामस्वरूप, कलीसिया की देखरेख में प्राचीन नेतृत्व के अन्य उदाहरण ले आते हैं, विशेष तौर पर उनके अपने अनुभवों से या पेशों से। प्राचीनों के लिए स्पष्ट बाइबल आधारित कार्य विवरण न होने के कारण, ये लोग स्वाभाविक तौर पर जो कुछ जानते हैं, उसी के अनुसार आचरण करते हैं। उनका मानना होता है कि प्राचीन का कार्य निम्नलिखित बातों के समान है :