भारतीय शेयर बाजार के बुनियादी अध्ययन
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अध्याय 1 निवेश
अध्याय 2 एनएसई और बीएसई
अध्याय 3 शेयर बाजार बुनियादी अध्ययन
अध्याय 4 भारत की अर्थव्यवस्था
अध्याय 5 सेक्टर्स और सूचकांक
अध्याय 6 वायदा बाजार
अध्याय 7 तकनीकी विश्लेषण का आधार
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Reviews for भारतीय शेयर बाजार के बुनियादी अध्ययन
3 ratings2 reviews
- Rating: 5 out of 5 stars5/5Good book. Read for pure education of stock market and F&O.
- Rating: 5 out of 5 stars5/5Good book for investment and trading for all new and old investors.
Book preview
भारतीय शेयर बाजार के बुनियादी अध्ययन - Deepak Shinde
COPY RIGHT 2014 by Deepak shinde
All the right reserved .No part of this book maybe reproduced or transmitted in any form, or by any means electronic or mechanical including photocopying, recording or any information storage without permission, in writing from publisher..
First edition in 2014
Published by Deepak shinde
Sholapur Maharashtra
सूची
अध्याय1: निवेश
निवेश या विनियोग
(investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। यह पद बचत करने और उपभोग में कटौती या देरी के संदर्भ में प्रयुक्त होता है। निवेश के उदाहरण हैं- किसी बैंक में पूंजीजमा करना, या परिसंपत्ति खरीदने जैसे कार्य जो भविष्य में लाभ पाने की दृष्टि से किये जाते हैं। सामान्यतः इसे किसी वर्ष में पूँजी स्टॉक में होने वाली वृद्धि के रूप में परिभाषित करते हैं। संचित निवेश या विनियोग ही पूँजी है।
क्यों एक को निवेश करना चाहिए ?
निन्नलिखित करने के लिए निवेश करने की जरूरत है:A
1)अपने निष्क्रिय संसाधन पर वापसी कमाने
2)जीवन में एक विशेष लक्ष्य के लिए पैसे की एक निर्दिष्ट राशि उत्पन्न करना
3)एक अनिश्चित भविष्य के लिए एक प्रावधान करना §
कब निवेश शुरू करने के लिए?
1 जल्दी निवेश §
2 नियमित रूप से निवेश §
3 दीर्घकालिक अवधि के लिए निवेश §
क्या भारत में इक्विटी पर औसत प्रतिफल दिया गया है?
आज तक 1990 के बाद से, भारतीय शेयर बाजार बारे में 17% लाभ किया है । औसत शेयरों पर कि इसके अलावा 1.5% का सालाना लाभांश। भुगतान किया है
कर की दृष्टि से भारतीय इक्विटी में निवेश करने के निहितार्थ क्या हैं?
निवेश लाभों पर कर की दरों को दीर्घावधि और अल्पावधि पूंजी लाभों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
दीर्घावधि पूंजी लाभ
वे दीर्घावधि निवेश जिन्हें 12 महीने से अधिक के लिए होल्ड किया जाता है, दीर्घावधि पूंजी परिसंपत्तियां कहलाते हैं। ऐसी परिसंपत्तियों की बिक्री से प्राप्त लाभ को दीर्घावधि पूंजी लाभ (एलटीसीजी) कहा जाता है जिस पर नवीनतम बजट अधिसूचना के अनुसार कोई भी कर नहीं लगेगा।
अल्पावधि पूंजी लाभ
वे शेयर जिन्हें 12 महीने से कम के लिए होल्ड किया जाता है, अल्पावधि पूंजी परिसंपत्तियां कहलाते हैं, जिन पर नवीनतम बजट अधिसूचना के अनुसार 10% कर लगेगा।
शेयर बाजार में निवेश
यदि आपको शेयर बाजार के बारे में कम जानकारी है अथवा आप इस बाजार के नये खिलाड़ी हैं या आप चाहते तो हैं कि बाजार में निवेश करें मगर जानते नहीं कि क्या करें और कैसे करें तो आज हम आपको कुछ टिप्स देते हैं:
टिप्स से दूर रहें: आप भी कहेंगे कि यह क्या घालमेल है। साथ ही कह रहे हैं कि मैं आपको टिप्स देता हूं और साथ ही कह रहें हैं कि टिप्स से दूर रहें। वास्तव में मैं आपको किन कंपनियों के शेयरों में निवेश करें ऐसे टिप्स नहीं देने वाला। यहां मैं आपको यह बता रहा हूं कि कैसे शेयर बाजार में निवेश करें। तो सबसे पहली बात मित्रों, रिश्तेदारों और ब्रोकरों के बताये टिप्स पर अथवा बाजार मैं फैली अफवाहों के आधार पर निवेश न करें। यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है।
स्वयं को शिक्षित करें: बैलेंश शीट तथा कंपनियों के नतीजों को पढ़ना और समझना सीखें। यदि आपकी शिक्षा कॉमर्स स्ट्रीम से नहीं है तो थोड़ा और अधिक सावधान रहें। बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें। नियमित रूप से इक्नॉमिक टाइम्स जैसे समाचार पत्र पड़ें और CNBC आवाज जैसे चैनल देखें। इसके अलावा इंटरनेट पर निवेश संबधी जानकारियां एकत्रित करें। जब आपको बाजार के बारे में आत्मविश्वास जागने लगे तो भी निवेश करने से पहले दो तीन कंपनियों को चुन लें जहां आपको लगे कि निवेश करना सही रहेगा। उसके बाद उन कंपनियों के भावों पर नियमित नजर रखें। कम से कम एक महीना अपनी इन कंपनियों पर नजर रखें। यदि लगे कि आपका चुनाव सही था तो आप बाजार में जाने के बारे में सोच सकते हैं।
शुरुआत कम पूंजी से करें: शुरुआत में नाम मात्र का निवेश करें और अनुभव प्राप्त करें। एकदम से बड़ी रकम दांव पर न लागायें। वैसे भी बाजार में एक साथ बड़ा निवेश करने से बचना चाहिये और अपनी पूंजॊ का एक एक हिस्सा नियमित रूप से निवेश करना चाहिये।
शेयर बाजार क्या है?
शेयर का सीधा सा अर्थ होता है हिस्सा। शेयर बाजार की भाषा में बात करें तो शेयर का अर्थ है कंपनियों में हिस्सा। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं। आप कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने अंश खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने का मालिकाना हक हो गया जिसे आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें बेच सकते हैं। आप 100 से लेकर अधिकतम शेयर खरीद सकते हैं।
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना हैं यह उसका विवेकाधीन अधिकार है। बाजार से शेयर बाजार खरीदने/बेचने के लिए कई शेयर ब्रोकर्स होते हैं जो उनके तय पारिश्रमिक (लगभग 2 फीसदी) लेकर अपने ग्राहकों को यह सेवा देते हैं।
इन कंपनियों के शेयरों का मूल्य मुंबई शेयर बाजार (बीएसई) में दर्ज होता है। सभी कंपनियों का मूल्य उनकी लाभदायक क्षमता के अनुसार कम-ज्यादा होता है। इस पूरे बाजार में नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का होता है। इसकी अनुमति के बाद ही कोई कंपनी अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ) जारी कर सकती है।
प्रत्येक छमाही या वार्षिक आधार पर कंपनियां लाभ होने पर अंशधारकों को लाभांश भी देती हैं। और कंपनी की गतिविधियों की जानकारी से भी रूबरू कराती है।
शेयर बाजार में लिस्टेड होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पडता है, जिसके तहत कंपनी अपनी हर हरकत की जानकारी बाजार को समय-समय पर देती रहती है, खासकर ऐसी जानकारियां, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों। इन्हीं जानकारियों के आधार पर कंपनी का मूल्यांकन होता है और इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता है। अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते के नियमों का पालन नहीं करती, तो उसे डीलिस्ट करने की कार्रवाई सेबी करता है।
निगरानी और समीक्षा
अपने निवेश की नियमित निगरानी व समीक्षा करें। लिये गये शेयर के तिमाही परिणामों की घोषणा पर नजर रखें और सप्ताह में कम से कम एक बार अपने पोर्टफोलियो वर्कशीट पर शेयर की कीमतों में आये सुधार लिखते रहें। ये कार्य अस्थिर समय के लिये ज्यादा