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Wake up Mantra प्रातः हस्तदर्शन मन्त्र
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
Wake up Mantra प्रातः हस्तदर्शन मन्त्र
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
ratings:
Length:
2 minutes
Released:
Jun 24, 2022
Format:
Podcast episode
Description
Look at your Palms when u wake up सुबह करने चाहिए हथेलियों के दर्शन ◆ Wake up Mantra प्रातः हस्तदर्शन मन्त्र◆ अपनी हथेलियों के जरिए आप अपने जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार कर सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि शास्त्रों के मुताबिक हाथों में ब्रह्मा, लक्ष्मी और सरस्वती तीनों का वास होता है। आचारप्रदीप के एक श्लोक में कहा गया है कि
★ कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्।।
★ इस श्लोक का एक अन्य पाठ भी प्रचलित है, जो इस तरह है: ★
ऊं कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले च गोविंद: प्रभाते कुरुदर्शनम्।। ★
इस श्लोक का अर्थ है कि हथेली के सबसे आगे के भाग में लक्ष्मी जी, बीच के भाग में सरस्वती जी और मूल भाग में ब्रह्माजी निवास करते हैं, इसलिए सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करना चाहिए।
सुबह हाथों के दर्शन के पीछे की मान्यता है कि जब व्यक्ति अपनी हथेलियों को आपस में रगड़कर पूरे विश्वास के साथ हथेलियों को देखता है तो उसमें एक विश्वास जाग्रत हो जाता है कि उसके शुभ कर्मों में देवता भी सहायक होंगे। जब वह अपने हाथों पर भरोसा करके सकारात्मक कदम उठाएगा, तो भाग्य भी उसका साथ देगा। ध्यान रहे कि इस मंत्र का जाप करते समय आपको केवल हथेली की ओर ही अपनी निगाहें रखनी हैं। और फिर मंत्र उच्चारण समाप्त होते ही हथेलियों को परस्पर घर्षण करके उन्हें अपने चेहरे पर लगाना चाहिए।
मान्यता है कि ऐसा करने से हम सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर लेते हैं और पूरा दिन अच्छा बीते इसके लिए सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त हो जाती है।
ऐसा माना जाता है कि शास्त्रों के मुताबिक हाथों में ब्रह्मा, लक्ष्मी और सरस्वती तीनों का वास होता है। आचारप्रदीप के एक श्लोक में कहा गया है कि
★ कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्।।
★ इस श्लोक का एक अन्य पाठ भी प्रचलित है, जो इस तरह है: ★
ऊं कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले च गोविंद: प्रभाते कुरुदर्शनम्।। ★
इस श्लोक का अर्थ है कि हथेली के सबसे आगे के भाग में लक्ष्मी जी, बीच के भाग में सरस्वती जी और मूल भाग में ब्रह्माजी निवास करते हैं, इसलिए सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करना चाहिए।
सुबह हाथों के दर्शन के पीछे की मान्यता है कि जब व्यक्ति अपनी हथेलियों को आपस में रगड़कर पूरे विश्वास के साथ हथेलियों को देखता है तो उसमें एक विश्वास जाग्रत हो जाता है कि उसके शुभ कर्मों में देवता भी सहायक होंगे। जब वह अपने हाथों पर भरोसा करके सकारात्मक कदम उठाएगा, तो भाग्य भी उसका साथ देगा। ध्यान रहे कि इस मंत्र का जाप करते समय आपको केवल हथेली की ओर ही अपनी निगाहें रखनी हैं। और फिर मंत्र उच्चारण समाप्त होते ही हथेलियों को परस्पर घर्षण करके उन्हें अपने चेहरे पर लगाना चाहिए।
मान्यता है कि ऐसा करने से हम सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर लेते हैं और पूरा दिन अच्छा बीते इसके लिए सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त हो जाती है।
Released:
Jun 24, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
Narak Chaturdashi Deepak Mantra नरक चतुर्दशी दीपक मन्त्र by Rajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers