Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5
प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5
प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5
Ebook68 pages1 hour

प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

आग वाली घटना के बाद से लिव लॉक को बुरे सपने आते थे और अब उसका अतीत वापस लौट आया था। ऐनी लारसन ने उससे बात की। पत्रकार उसके भाई से मिलने गई थी और लिव इस बात को लेकर इतनी उत्साहित थी कि रैंडर्स के एक कैफ़े में भी उससे मिलने को राज़ी हो गई। उसे यह पता लगाना था कि ऐनी आखिर उसके भाई से चाहती क्या थी। लेकिन पत्रकार से बात कर के वह इतनी नाराज़ हो गई कि गुस्से में कैफ़े छोड़कर चली गई। जब उसने एक अखबार में यह पोस्टर देखा कि जोहान बोये के बेटे ने हत्यारे को देखा था, वह जोहान बोये के घर गई और उसके मेमोरियल के सामने उसके बेटे से मिली।
Languageहिन्दी
PublisherSAGA Egmont
Release dateNov 21, 2019
ISBN9788726230031
प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5

Read more from – इंगर गैमलगार्ड मैडसन

Related to प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5

Reviews for प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    प्यार, गुनाह और ज़िंदगी - चैप्टर 5 - – इंगर गैमलगार्ड मैडसन

    purchaser.

    प्यार, गुनाह और ज़िंदगी

    चैप्टर 5

    बेहिसाब   गर्माहट   बर्दाश्त   के   बाहर   थी।   आग   की   दहक   ने   खाल   को   छालों   में   बदल   दिया   था   और   जब   उनमें   से   पस   निकलता, रिसने   वाला   भयंकर   दर्द   होता।   उसने   जलती   हुई   आँखों   से   अपने   हाथों   को   देखा।   जैसे-जैसे   हाथ   की   त्वचा   पिघल   रही   थी, उसे   अपनी   नसें   और   हड्डियाँ   साफ़   दिखाई   दे   रही   थीं।   उसने   अपनी   माँ   को   चीखते   हुए   सुना; ऐसी   चीख   जो   अपने   आप   ही   उसके   उबलते   हुए   दिमाग   में   घुसती   चली   गई।   उसके   पैर   हिल   नहीं   पा   रहे   थे, जैसे   उसे   ज़मीन   में   पिघलाकर   मिला   दिया   गया   हो।   फिर   उसने   अपने   भाई   को   देखा।

    विलाड्स।   वह   आग   में   चल   रहा   था, धीरे   और   सधे   हुए   कदमों   से, जैसे   उस   पर   आग   का   कोई   असर   न   हुआ   हो।   वह   चीखकर   उसे   आग   से   दूर   रहने   के   लिए   कहना   चाहती   थी, उससे   कहना   चाहती   थी   कि   वह   कोपेनहेगेन   चला   जाए   और   वहीं   रहे   लेकिन   उसके   पेट   की   तरह   उसका   गला   भी   जल   चुका   था।   बस   एक   ही   चीज़   उसके   मुँह   से   बाहर   आ   रही   थी- आग   की   लपटें, जैसे   वह   कोई   ड्रैगन   हो।   अचानक, वह   किसी   नरक   में   खींच   ली   गई।   वह   लड़   रही   थी   और   तेज़ी   से   इधर-उधर   घूम   रही   थी, लेकिन   वहाँ   पकड़ने   के   लिए   कुछ   भी   नहीं   था   जिसका   सहारा   उसे   मिल   सकता।   उसने   विलाड्स   को   पुकारा, अपनी   माँ   को   पुकारा   लेकिन   वह   उस   आग   में   अकेली   थी।   वही   आग   जो   लाल   रंग   के   एक   विशालकाय   दैत्य   में   बदल   गई   थी।   आग   उस   तक   आसानी   से   पहुँचकर   उसे   तिल-तिल   जला   रही   थी।   वह   चीख   रही   थी।

    लिव   अपने   बिस्तर   पर   झटके   से   उठकर   बैठ   गई।   उस की   चीख   ने   ही   उसे   उठा   दिया   था।   उसके   माथे   से   पसीना   बह   रहा   था   और   जब   उसने   अपने   चेहरे   से   अपने   पसीने   के   रूप   में   अपने   सपने   को   पोंछने   की   कोशिश   की, तो   पता   चला   कि   उसके   हाथ   भी   गीले   थे।

    खिड़की   के   बाहर   अँधेरा   था   और   उसकी   अलार्म   घड़ी   में   लाल   नंबरों   में   समय   दिख   रहा   था- 1:35।   धीरे-धीरे   उसकी   साँसें   काबू   में   आईं।   वह   सिर्फ़   एक   सपना   था, लेकिन   बिल्कुल   हकीकत   जैसा।

    बुरे   सपनों   का   आना   फिर   शुरू   हो   गया   था।   सब   उसकी   गलती   थी: जोहान   बोये   की ।   वह   पसीने   से   तरबतर   चादर   पर   लेट   गई।   उसका   कंबल   ज़मीन   पर   गिर   गया   था, लेकिन   लिव   को   गर्मी   लग   रही   थी   इसलिए   वह   कंबल   बिना   उठाए   ही   लेट   गई।   वह   छत   को   एकटक   देख   रही   थी, इस   डर   से   उसने   आँखें   भी   नहीं   बंद   कीं   कि   कहीं   वापस   वही   सपना   न   देखने   लगे।

    जब   अलार्म   घड़ी   ने   अपनी   घंटी   से   उसे   अचानक   जगाया, तब   उसे   एहसास   हुआ   कि   वह   फिर   से   सो   गई   थी।   जब   वह   खड़ी   हुई, तो   वह   लड़खड़ाकर   ज़मीन   पर   पड़े   कंबल   पर   गिरने   वाली   थी; उसे   कोशिश   करके   खड़े   होना   पड़ा।   अलार्म   घड़ी   हमेशा   कमरे   में   दूसरी   तरफ़   अलमारी   पर   रखी

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1