Ramayan ke Amar Patra
Written by Dr. Vinay
Narrated by Dishi Duggal, Aditya Raj Sharma, Ajay Singhal and
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About this series
Titles in the series (5)
- Ramayan ke Amar Patra Ram
1
राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रतिपादित कर एक महान सांस्कृतिक आधार प्रतिष्ठित किया था और उसके बाद अनेक प्रकार से राम कथा का स्वरूप विकसित होता रहा और बाद के आने वाले रचनाकारों ने रामकथा को उसके मूल्य की रक्षा करते हुए अपने ढंग से प्रस्तुत किया है. गोस्वामी तुलसीदास के बाद भी राम कथा को विभिन्न रूपों में अनुभव किया जाता रहा और रामकथा में अन्य आयाम जोड़ने का उपक्रम भी जारी रहा. मर्यादा पुरुषोत्तम राम का उपन्यासिक शैली में यह प्रस्तुतीकरण भी अद्भुत है.
- Ramayan ke Amar Patra Sita
2
सीता "रामायण" और रामकथा पर आधारित अन्य रामायण ग्रंथ, जैसे " रामचरितमानस", की मुख्य पात्र है. सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं. इनका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री राम से उनके द्वारा स्वयंवर में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था. इनके स्त्री व पतिव्रता धर्म के कारण इनका नाम परम आदर से लिया जाता है।सीता को महासती क्यों कहा गया है, यह इस उपन्यास की कथा है.
- Ramayan ke Amar Patra Ravana
3
रावण रामायण का एक प्रमुख चरित्र है. रावण लंका का राजा था. वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन भी था. किसी भी कृति के लिए नायक के साथ ही सशत्तफ़ खलनायक का होना अति आवश्यक है. रामकथा में रावण ऐसा पात्र है, जो राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने का काम करता है. रावण के शासन काल में लंका का वैभव अपने चरम पर था और उसने अपना महल पूरी तरह स्वर्ण रंजित बनाया था, इसलिए उसकी लंकानगरी को सोने की लंका अथवा सोने की नगरी भी कहा जाता है। यह पुस्तक महाबली रावण के चरित्र का उपन्यासिक शैली में प्रस्तुतीकरण है।
- Ramayan ke Amar Patra Lakshman
4
लक्ष्मण रामायण के एक आदर्श पात्र हैं. इनको शेषनाग का अवतार माना जाता है. रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के तीसरे पुत्र थे, उनकी माता सुमित्रा थीं. वे राम के छोटे भाई थे, इन दोनों भाइयों में अपार प्रेम था. उन्होंने राम-सीता के साथ 14 वर्षाें का वनवास काटा. मंदिरों में अक्सर ही राम-सीता के साथ उनकी भी पूजा होती है. लक्ष्मण हर कला में निपुण थे, चाहे वो मल्लयुद्ध हो या धनुर्विद्या. लक्ष्मण एक आदर्श अनुज हैं. राम को पिता ने वनवास दिया, किंतु लक्ष्मण राम के साथ स्वेच्छा से वन गमन करते हैं - ज्येष्ठानुवृति, स्नेह तथा धर्मभाव के कारण. डॉ. विनय ने उपन्यासिक शैली में लक्ष्मण का अद्भुत वर्णन किया है।
- Ramayan ke Amar Patra Kaikeyi
5
'कैकेयी' केकेय देश के राजा अश्वपति और शुभलक्षणा की कन्या एवं कौशलनरेश दशरथ की कनिष्ठ, किंतु अत्यंत प्रिय पत्नी का नाम है. उनके गर्भ से भरत का जन्म हुआ था. जब राजा दशरथ देव दानव युद्ध में देवताओं के सहायतार्थ गए थे, तब कैकेयी भी उनके साथ गई थीं. युद्ध में दशरथ के रथ का धुरा टूट गया, उस समय कैकेयी ने धुरे में अपना हाथ लगाकर रथ को टूटने से बचाया और दशरथ युद्ध करते रहे. युद्ध समाप्त होने पर जब दशरथ को इस बात का पता लगा तो प्रसन्न होकर कैकेयी को दो वर माँगने के लिए कहा. कैकेयी ने मंथरा के बहकावे में आकर राम को वनवास और भारत को राज्याभिषेक मांगा. तदनुसार राम वन को गए पर भरत ने राज्य ग्रहण करना स्वीकार नहीं किया, उन्होंने माता की भर्त्सना की और राम को लौटा लाने के लिए वन गए. उस समय कैकेयी भी उनके साथ गई. यह पुस्तक कैकेयी के जीवन का उपन्यासिक शैली में सुन्दर प्रस्तुतीकरण है।"
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