Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

ज़िंदगी है: ताज़ा ग़ज़ल, #2
दीप जलाओ: ताज़ा ग़ज़ल, #1
Ebook series2 titles

ताज़ा ग़ज़ल

Rating: 0 out of 5 stars

()

About this series

यह पुस्तक महफ़िल ए गजल व्हाट्सप्प समूह के विभिन्न शायरों द्वारा एक ही जमीन पर लिखी गई गजलें शामिल हैं जिनमें 100 से अधिक शेर हैं | ऐसा करने का उद्देश्य गजल गायकों को एक ही बहर और धुन के बहुत सारे शेर उपलब्ध करवा देना है |गायक अपनी सुविधा और आवश्यकता अनुसार शेर अपने गाने के लिए चुन सकता है | गायक से अपेक्षा की जाती है कि इन शेरों के लिए लेखक को क्रेडिट अवश्य दे | यदि यह प्रयोग गायक मित्रों को पसंद आता है और पुस्तक उपयोगी रहती है तो इसी प्रकार की और भी पुस्तकें आगे  प्रकाशित करने का प्रस्ताव है |

Languageहिन्दी
PublisherAmit Sharma
Release dateOct 28, 2022
ज़िंदगी है: ताज़ा ग़ज़ल, #2
दीप जलाओ: ताज़ा ग़ज़ल, #1

Titles in the series (2)

  • दीप जलाओ: ताज़ा ग़ज़ल, #1

    1

    दीप जलाओ: ताज़ा ग़ज़ल, #1
    दीप जलाओ: ताज़ा ग़ज़ल, #1

    यह पुस्तक महफ़िल ए गजल व्हाट्सप्प समूह के विभिन्न शायरों द्वारा एक ही जमीन पर लिखी गई गजलें शामिल हैं जिनमें 200 से अधिक शेर हैं | ऐसा करने का उद्देश्य गजल गायकों को एक ही बहर और धुन के बहुत सारे शेर उपलब्ध करवा देना है |गायक अपनी सुविधा और आवश्यकता अनुसार शेर अपने गाने के लिए चुन सकता है | गायक से अपेक्षा की जाती है कि इन शेरों के लिए लेखक को क्रेडिट अवश्य दे | यदि यह प्रयोग गायक मित्रों को पसंद आता है और पुस्तक उपयोगी रहती है तो इसी प्रकार की और भी पुस्तकें आगे  प्रकाशित करने का प्रस्ताव है |

  • ज़िंदगी है: ताज़ा ग़ज़ल, #2

    2

    ज़िंदगी है: ताज़ा ग़ज़ल, #2
    ज़िंदगी है: ताज़ा ग़ज़ल, #2

    यह पुस्तक महफ़िल ए गजल व्हाट्सप्प समूह के विभिन्न शायरों द्वारा एक ही जमीन पर लिखी गई गजलें शामिल हैं जिनमें 100 से अधिक शेर हैं | ऐसा करने का उद्देश्य गजल गायकों को एक ही बहर और धुन के बहुत सारे शेर उपलब्ध करवा देना है |गायक अपनी सुविधा और आवश्यकता अनुसार शेर अपने गाने के लिए चुन सकता है | गायक से अपेक्षा की जाती है कि इन शेरों के लिए लेखक को क्रेडिट अवश्य दे | यदि यह प्रयोग गायक मित्रों को पसंद आता है और पुस्तक उपयोगी रहती है तो इसी प्रकार की और भी पुस्तकें आगे  प्रकाशित करने का प्रस्ताव है |

Author

रवि कांत अनमोल

1997 से भारत के विभिन्न भागों में सेकंडरी स्कूलों में गणित, कंप्यूटर और हिन्दी भाषा के शिक्षण के साथ साथ रवि कांत अनमोल ने बच्चों में भाषा और गणित की रुचि बढ़ाने के लिए विभिन्न सफ़ल प्रयोग किए हैं। उन्होंने न केवल स्वयं कविताएं, निबंध और कहानियां लिखी हैं बल्कि अपने विद्यार्थियों को भी प्रेरित करके उनसे रचना करवाई है। गणित और कविता में उनकी विशेष रुचि रही है।

Read more from रवि कांत अनमोल

Related to ताज़ा ग़ज़ल

Related categories

Reviews for ताज़ा ग़ज़ल

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words