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क्या हमें आज रामायण की ज़रुरत है?

क्या हमें आज रामायण की ज़रुरत है?

FromRamayan Aaj ke Liye with Kavita Paudwal


क्या हमें आज रामायण की ज़रुरत है?

FromRamayan Aaj ke Liye with Kavita Paudwal

ratings:
Length:
7 minutes
Released:
Sep 24, 2022
Format:
Podcast episode

Description

महान ऋषि वाल्मीकि पहले एक दकैत और शिकारी हुआ करते थे। जब ऋषि नारद ने उन्हें राम का नाम लेने की सलाह दी तो वह राम कह भी नहीं सकते थे। मारा मारा मारा को दोहराते थे क्यूंकि वह सिर्फ मरना जानते थे। पर मारामारामारा दोहराते दोहराते रामा बन गया और इस ही के अभ्यास ने उन्हें विद्वान बना दिया। जब राम ने खुद, लव और कुश से रामायण की कहानी सुनी तो उन्हें लगा कि जो भी यह कहानी सुनेगा उसके मन में एक पॉजिटिविटी आ जाएगी है। उसके जीवन को एक दिशा मिलेगी है। राम ने ये तक कहा कि उनका खुदका जीवन भी सुभ और मंगलमय हो गया। इसलिए तो कहते हैं राम से बड़ा राम का नाम या राम की कथा यानि रामायण। पर क्या आज के इस युग में हमें श्रीराम जैसी मर्यादा और सिद्धांत रखने चाहिए? क्या हमें इनकी ज़रुरत है? और अगर है तो क्यों और कैसे? ये समझने के लिए tune in.
Released:
Sep 24, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

राम की कहानी हम बचपन से सुनते आ रहे हैं।कभी तुलसी दस की चौपाइयाँ, तो कभी रामानंद सागर की कल्पनायें - जाने अनजाने - हर प्रकार की रामायण हमारे मन में छाप छोड़ गयी है।तो फिर इस वर्णन में ऐसा क्या ख़ास है? इस podcast में कविता पौडवाल आपको मूल वाल्मीकि रामायण तो सुनाएंगी ही तथा आपके साथ वह ये भी समझने की कोशिश करेंगी कि आज के दौर में राम और राम की कथा का क्या महत्व हैं। यहाँ आपको अयोध्या का इतिहास तो जानने को मिलेगा ही साथ ही म्यूटेंट्स, सुपरहेरोस, मेटावर्स जैसी आधुनिक कथाओं से रामायण के किरदारों की तुलना के ज़रिये आप राम और उनकी लीलाओं को और भी करीब से अपना सकेंगे।