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सहायकों की नियुक्ति
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Length:
2 minutes
Released:
Aug 12, 2022
Format:
Podcast episode
Description
जो शूरवीर और भक्त हों, जिन्हें विपक्षी लुभा न सके; जो कुलीन, निरोगी एवं शिष्टाचार वाले हों तथा सभ्य लोगों के साथ उठते-बैठते हों। जो आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए दूसरों का अपमान न करते हों। धर्मपारायण, विद्वान, लोकव्यवहार के ज्ञाता और शत्रुओं की गतिविधियों पर दृष्टि रखने वाले हों। जिनमें साधुता हो और जिनका चरित्र पर्वत के समान अडिग हो, ऐसे लोगों को ही राजा अपना सहायक नियुक्त करे।
सहायान् सततं कुर्याद् राजा भूतिपुरष्कृतः।
तैश्च तुल्यो भवेद् भोगैश्छत्रमात्राज्ञयाधिकः।।
ऐसे सहायक को राजा भलीभाँति पुरस्कृत करे और उन्हें अपने समान सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए। केवल राजा के समान छत्र धारण करने और राजाज्ञा देने में ही राजा इस सहायकों से अधिक होना चाहिये।
प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों स्थितियों में राजा को इनके साथ समान व्यवहार करना चाहिये।
सहायान् सततं कुर्याद् राजा भूतिपुरष्कृतः।
तैश्च तुल्यो भवेद् भोगैश्छत्रमात्राज्ञयाधिकः।।
ऐसे सहायक को राजा भलीभाँति पुरस्कृत करे और उन्हें अपने समान सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए। केवल राजा के समान छत्र धारण करने और राजाज्ञा देने में ही राजा इस सहायकों से अधिक होना चाहिये।
प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों स्थितियों में राजा को इनके साथ समान व्यवहार करना चाहिये।
Released:
Aug 12, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (20)
पुरुषार्थ और प्रारब्ध by भीष्म नीति Bheeshma Neeti