Mahabharat ke Amar Patra
Written by Dr. Vinay
Narrated by Ravi Rajesh, Dharmendra Gohil, Chaitali Gupta and
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About this series
Titles in the series (5)
- Mahabharat ke Amar Patra Draupadi
1
महाभारत भारतीय संस्कृति का अन्यतम ग्रंथ है. इसे पाँचवा वेद कहा गया है. महाभारत में जिस विराट संस्कृति और धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के व्यवहार की आधारशिला रखी गई है, उसका वहन करते हैं योगीराज कृष्ण, भीष्म, द्रोण, कौरव, पाण्डव और प्रकृति शक्ति में कुंती, द्रौपदी तथा गांधारी जैसी सती! इनके साथ सांस्कृतिक विकास के आरोह अवरोह में‒सहयोगी होते हैं‒कर्ण, द्रुपद तथा अन्य चरित्र जो सीधे महाभारत के रचना धरातल पर सक्रिय हैं. डॉक्टर विनय ने महाभारत के अमर पात्रों पर जो विलक्षण कथा शृंखला रची है उसी कड़ी में यह उपन्यास है द्रौपदी के विराट और विलक्षण चरित्र पर जो एक तरह से कथा के ठीक केंद्र में है.
- Mahabharat ke Amar Patra Arjun
2
"महाभारत भारतीय संस्कृति का अन्यतम ग्रंथ है। इसे पांवा वेद कहा गया है। अनेक भारतीय-पाश्चात्य विद्वानों ने इसे महाकाव्य मानकर संस्कृति, दर्शन तत्व, चिंतन, भक्ति की सम्पूर्ण अभिव्यक्ति का मूल स्रोत माना है। महाभारत में जिस विराट संस्कृति, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के व्यवहार की आधारशिला रखी गई है, उसका वहन करते हैं योगीराज कृष्ण, भीष्म, द्रोण, कौरव, पाण्डव और प्रकृति शक्ति में कुंती, द्रौपदी तथा गांधारी जैसी सती! इनके साथ सांस्कृतिक विकास के आरोह अवरोह में‒सहयोगी होते हैं‒कर्ण, द्रुपद तथा अन्य पात्र (चरित्र) जो सीधे महाभारत के रचना धरातल पर सक्रिय हैं। ये किताब हली बार ऑडियो में आयी है ज़रूर सुनें!"
- Mahabharat ke Amar Patra Duryodhan
3
दुर्याेधन हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्रें में सबसे बड़ा पुत्र था. दुर्याेधन स्वभाव से बड़ा ही हठी और दुष्ट था. वह पाण्डवों को सदैव नीचा दिखाने का प्रयत्न करता और उनसे ईर्ष्या रखता था. उसके स्वभाव के कारण ही 'महाभारत' का युद्ध हुआ. यह उपन्यास इस कठिन चरित्र का वृतांत है.
- Mahabharat ke Amar Patra Karna
4
कर्ण महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रें में से एक हैं. कर्ण को महाभारत का महानायक माना जाता है. कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी थे. कर्ण दुर्याेधन के सबसे अच्छे मित्र थे और महाभारत के युद्ध में वह अपने भाइयों के विरुद्ध लड़े. सूर्यपुत्र कर्ण को एक आदर्श दानवीर माना जाता है, कर्ण की छवि आज भी भारतीय जनमानस में एक ऐसे महायोद्धा की है जो जीवनभर प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ता रहा। यह पुस्तक कर्ण के जीवन की औपन्यासिक प्रस्तुति है.
- Mahabharat ke Amar Patra Ashwatthama
5
अश्वत्थामा एक महान योद्धा और आठ अमर पात्रों में से एक थे लेकिन उन्होंने ये गलती की कि उन्होंने कौरवों का साथ दिया, क्योंकि उनके पिता द्रोणाचार्य ने भी कौरवों का साथ दिया था. महाभारत के युद्ध में अश्वत्थामा का चरित्र महत्वाकांक्षा और नीति अनिति का विवेक लुप्त हो जाने का सबसे विकट उदाहरण है और यह औपन्यासिक प्रस्तुति उसे समझने का यत्न है.
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