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सुहाग की साड़ी मुंशी प्रेमचंद: Suhag Ki Saree Munshi Premchand
सुहाग की साड़ी मुंशी प्रेमचंद: Suhag Ki Saree Munshi Premchand
सुहाग की साड़ी मुंशी प्रेमचंद: Suhag Ki Saree Munshi Premchand
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सुहाग की साड़ी मुंशी प्रेमचंद: Suhag Ki Saree Munshi Premchand

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Suhag Ki Saree Munshi Premchand | सुहाग की साड़ी मुंशी प्रेमचंद

आज़ादी की लड़ाई के वक़्त जब विदेशी कपड़ों की होली जलायी जा रही थी तब कैसे एक सुहागन को अपनी सुहाग यानी शादी की साड़ी से मोह सताने लगा, कैसे उस साड़ी को भारी मन से उसने विदेशी कपड़ों की

कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद

कलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है की उनकी कहानियाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे और इसलिए हमने उन्हें थोड़ी और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। इन कहानियों को ख़ास आपके लिए तैयार किया है। तो आइए सुनते हैं प्रेमचंद की विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ! 

Languageहिन्दी
Release dateOct 24, 2021
ISBN9781667082707
सुहाग की साड़ी मुंशी प्रेमचंद: Suhag Ki Saree Munshi Premchand

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